अयोध्या। रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन राममंदिर के भूतल का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जनवरी 2024 में भव्य गर्भगृह में रामलला (Ramlala) के प्राणप्रतिष्ठा की तैयारियां भी चल रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 15 जनवरी मकर संक्रांति से 24 जनवरी के मध्य शुभ तिथि व मुहूर्त में आयोजित होना है, महोत्सव में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव में देश भर से पांच हजार साधु-संतों को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से आमंत्रित किया जा रहा है।
ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश के सभी 136 पंरपराओं के धर्मगुरूओं को आमंत्रित करने की तैयारी है। इनमें वनवासी संत, वाल्मीकि, रविदासी, कबीरपंथी, नानकपंथी, स्वामी नारायण, नाथ परंपरा, वैष्णव, सन्यासी सहित जैन, सिख धर्म के भी संत शामिल होंगे। इन संतों की सूची तैयारी की जा रही है, जल्द ही ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के हस्ताक्षर युक्त आमंत्रण पत्र भेजा जाएगा।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में पीएम मोदी होंगे मुख्य यजमान, पांच लाख रामभक्तों के आने की उम्मीद
संतों के ठहरने के लिए रामनगरी के मठ-मंदिरों व आश्रमों को चिन्हित किया जा रहा है। अब तक मणिरामदास की छावनी, झुनकी घाट, उदासीन आश्रम रानोपाली, बड़ी छावनी, दिगंबर अखाड़ा, चरण पादुका मंदिर, निर्मोही अखाड़ा, रामकोट में ट्रस्ट का नवनिर्मित भवन, जगन्नाथ मंदिर, लवकुश मंदिर, रंग वाटिका मंदिर, हरिधाम गोपाल पीठ आदि ने संतों के ठहरने का उचित प्रबंध करने की सहमति दे दी है। बताया गया कि प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव समाप्त होने व पीएम नरेंद्र मोदी के जाने के बाद रामजन्मभूमि परिसर में मौजूद संत-महात्मा एवं भक्तों को रामलला का दर्शन प्राप्त हो पाएगा।
सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग लेगा ट्रस्ट
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में पांच लाख लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में इनके रहने, खाने, आवागमन, भोजन आदि की व्यवस्था को लेकर संघ व विहिप ने तैयारियां तेज कर दी है। राम नगरी की सामाजिक संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है। ट्रस्ट के सूत्रों ने बताया कि कई संस्थाओं ने स्वेच्छा से प्रबंधन में योगदान देने की स्वीकृति की है। इन संस्थाओं के कार्यकर्ताओं को विभिन्न जिम्मेदारियां दी जाएंगी। कई संस्थाओं से ट्रस्ट के लोग वार्ता कर रहे हैं।