नई दिल्ली| चीन के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच सरकार ने चीनी फिनटेक कंपनियों (डिजिटल साहूकारों) पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि चीनी फिनटेक कंपनियों द्वारा डेटा और गोपनियता के नियमों को उल्लघंन करने को लेकर यह कार्रवाई होगी।
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इस घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि आने वाले समय में केंद्र सरकार द्वारा बैन के लिए बनाए जा रहे नई सूची में कई चीनी फिनटेक कंपनियां शामिल हो सकती है। ऐसा इसलिए कि सोशल मीडिया पर डेटा साझा करने के मुकाबले फिनटेक ऐप्स पर डेटा साझा करना ज्यादा जोखिम है क्योंकि इसमें उपभोक्ता का महत्वपूर्ण वित्तीय डेटा को शामिल किया जाता है। इसमें कर्ज या अन्य वित्तीय सेवा के दौरान उपभोक्ता अपना आधार कार्ड नंबर, आयकर डिटेल जैसी अन्य जानकारियां साझा करते हैं।
बता दें कि वित्तीय और टेक्नोलॉजी दोनों सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों को फिनटेक कहा जाता है। एक सूत्र के मुताबिक, भारत सरकार की ओर से 177 चीनी एप्स बंद करने के बाद फिनटेक कंपनियों की जांच शुरू की है। यह कदम जून में सीमा पर संघर्ष पर हुए संघर्ष के बाद चीन से अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए भारत की योजना का हिस्सा है।
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भारत में काम कर रही कई फिनटेक कंपनियों के चीन से संबंध उजागर हुए हैं। उदाहरण के लिए एक ठाणे की फिनटेक कंपनी जो आधार आधारित ऐप चलाती है में एक निदेशक चीनी है। कंपनी की स्थापना मई 2019 में एक विदेशी कंपनी की सहायक कंपनी के रूप में की गई थी। इसके दो निदेशक हैं, जिनमें से एक चीनी नागरिक है।
इसी तरह बेंगलुरु स्थिति एक फिनटेक कंपनी में एक निदेशक चीनी है। भारत लगातार चीनी कंपनियों से भारतीय नागरिकों का डेटा सुरक्षित करने का कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चीनी कंपनियों को भारत में हिस्सेदारी बढ़ाने से रोक रहा है।