लखनऊ। पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से तैयारियां तो काफी पहले शुरू कर दी गई थी लेकिन अभी सरकार ने आरक्षण की कवायद शुरू नहीं की। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पंचायती राज विभाग व आयोग तेजी से सक्रिय हुआ। ऐसे में अब तय कार्यक्रम के तहत 15 मार्च को वोटर लिस्ट का फाइनल प्रकाशन कर दिया जायेगा। इसके बाद 17 मार्च तक आरक्षण की घोषणा कर दी जायेगी।
ग्राम पंचायतों के मतदाताओं की सूची मे सुधार करते हुए 6 फरवरी से लेकर 23 फरवरी तक काम किया जाएगा। 24 फरवरी को वोटर लिस्ट छापी जाएगी। जबकि 24 से 26 फरवरी के बीच संबंधित पंचायतों के वोटर अपनी वोटर लिस्ट का जांच सकेंगे। वहीं 24 फरवरी से 2 मार्च के बीच दावे और आपत्तियां ली जाएंगी।
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3 से 8 मार्च के बीच इनका निस्तारण किया जाएगा। 9 मार्च से 14 मार्च के बीच निस्तारण के बाद सप्लीमेंट्री वोटर लिस्ट की कॉपी तैयार होगी। 15 मार्च को वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
गौरतलब है कि अभी पंचायत चुनाव के लिए हाल ही में हुए परिसीमन से प्रभावित ग्राम पंचायतों में वोटर लिस्ट का विशेष पुनरीक्षण किया जा रहा है। इसकी शनिवार 6 फरवरी से इसकी शुरूआत कर दी गयी है। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार के मुताबिक गोंडा, सम्भल, मुरादाबाद और गौतमबुद्धनगर जिलों में इस बार ग्राम पंचायतों, क्षेत्र व जिला पंचायतों के वार्डों का पूर्ण परिसीमन हुआ है, इसलिए इन चारों जिलों की पंचायतों की भौगोलिक स्थित पूरी तरह प्रभावित हुई।
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इसके अलावा अन्य जिलों में हुए आंशिक परिसीमन की वजह से जो पंचायतें प्रभावित हुई हैं, वहां वोटर लिस्ट का विशेष पुनरीक्षण करवाया जा रहा है। परिसीमन के बाद 101 ग्राम पंचायतें इसमें शामिल हुई हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करीब साढ़े चार लाख आबादी शहरी क्षेत्र में चली गई है। इसके बाद भी बीते पांच साल में ग्राम पंचायतों में तीन लाख से अधिक मतदाता बढ़े हैं।