Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

भारत में टायरों की रेटिंग ईंधन दक्षता और रोलिंग प्रतिरोध के आधार करने की तैयारी

maruti suzuki

ऑटो सेक्टर

नई दिल्ली| भारत में टायरों की रेटिंग ईंधन दक्षता (ईंधन की कम खपत) और रोलिंग प्रतिरोध के आधार पर करने की तैयारी है। सरकार की यह तैयारी उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पाद के प्रति जागरूक करने के साथ कंपनियों को ईंधन की खपत कम करने वाली उत्पादन बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

टिकटॉक में हिस्सेदारी पाने की इच्छा रखने वाली कंपनियों में वॉलमार्ट का नाम भी शामिल

सूत्रों के अनुसार, टायरों की रेटिंग देने के लिए एक उच्चस्तरीय पैनल का गठन किया है। इस पैनल में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), सड़क परिवहन मंत्रालय और राजमार्ग और ऑटोमोबाइल परीक्षण एजेंसियों को शामिल किया गया है। एक सरकारी अधिकारी ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि अभी रेटिंग का पैमाना तय करने की दिशा में काम चल रहा है।

अधिकारी के मुताबिक, सरकार जल्द से जल्द टायरों के क्वालिटी जांचने के लिए केंद्र स्थापित करना चाहती है। यह टायर की रेटिंग प्रक्रिया देने के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी ग्रिप जांचने की सुविधा सिर्फ आईसीएटी मानेसर में है जो फिलहाल सार्वजनिक उपयोग के लिए नहीं है। ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) भी अभी प्रक्रिया में है।

धोनी को लगता था कि उन्हें हिंदी नहीं आती, लेकिन मैं सब समझता था : मोंटी पनेसर

विशेषज्ञों का कहना है कि टायर पर रेटिंग देने से ग्राहकों को सही और गलत के बीच चयन करना आसान हो जाएगा। ग्राहक आसानी से पता कर पाएंगे कि जिस टायर में कम रोलिंग प्रतिरोध क्षमता होगी वह ईंधन की कम खर्च कराएगी। वहीं टायर के ग्रिप से सुरक्षा का पैमाना पता लगाने में मदद मिलेगी। लोड ट्रक में टायर में ग्रिप होना बहुत जरूरी होता है

Exit mobile version