कृषि कानून वापसी बिल पर राष्ट्रपति ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है। इसी के साथ ही तीनों कृषि कानून अब औपचारिक रूप से निरस्त हो गए हैं। इससे पहले, शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन यानी 29 नवंबर को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में तीनों कृषि कानून वापसी बिल पारित हो गए थे।
इन बिलों के विरोध में एक साल से राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने डेरा डाल रखा है।
उधर, बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर होने वाली किसानों के 40 संगठनों की बैठक रद्द कर दी गई। संयुक्त किसान मोर्चा के कई संगठनों ने इस बैठक से दूरी बनाने की कोशिश की।
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बताया जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक 4 दिसंबर को होगी, जिसमें आंदोलन खत्म करने या न करने पर आखिरी फैसला होगा।
दरअसल, कृषि कानून वापसी के बाद दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन की वापसी को लेकर किसान संगठनों में खुलकर मतभेद सामने आ गए हैं। किसानों का एक धड़ा आंदोलन वापसी के मूड में है, जबकि दूसरे धड़ा सरकार से एमएसपी पर गारंटी देने की मांग कर रहा है।