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पुखरायां पहुंचे राष्ट्रपति, बोले- आप लोगों के आशीर्वाद से मैं यहां पहुंचा

पुखरायां पहुंचे राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मैं देख रहा हूं कि सबसे पीछे युवा साथी खड़े हैं। युवाओं में शक्ति होती है। जिसका प्रदर्शन करते रहते हैं। 30 वर्ष बहुत लंबा समय होता है। जब चुनाव लड़ा था तब पहली बार पुखरायां आया था। उतना प्यार सम्मान पहली बार देखा था। मेरा कार्यक्षेत्र पुखरायां रहा है। लोकसभा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक केंद्र बिंदु पुखरायां रहा है।

वहीं राष्ट्रपति ने फ्रेट कॉरिडोर की तारीफ की। कहा कि दिल्ली से कानपुर मालगाड़ी पांच घण्टे में पहुंच जाएगी। कोविंद बोले कि मैं झींझक गया, रूरा गया, परौंख और अब पुखरायां आया। यानी कानपुर देहात की चारों विधानसभा हो आया। पुखरायां को कभी नहीं भूलूंगा।

पुखरायां मेरे जीवन मे विशेष स्थान रखता है। यहां से मुझे अपार प्यार मिला। यहां मुझे सुख-दुख में शामिल होना अच्छा लगता है। मेरा मुख्य चुनाव कार्यालय पुखरायां था। मित्रों के घर जाकर खाना खाना अच्छा लगता था। राष्ट्रपति बोले कि आपकी प्रेरणा से में राष्ट्रपति भवन पहुंचा। यह सब यहां की धरती और यहां के लोगों के आशीर्वाद से सम्भव हुआ।

कहा कि महामारी ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। सरकारें प्रयास कर रहीं हैं। आप भी सावधानी बरतें। यूपी सबसे बड़ा प्रदेश है। इसलिए यहां महामारी और विशाल रूप ले सकती है। सभी को सावधान रहने की जरूरत है।

पुखरायां में जनसभा स्थल मंच से मुख्यमंत्री बोले कि हम सब के लिए यह गौरव का विषय है। भारत के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर यूपी के कानपुर देहात से राष्ट्रपति हैं और यहां की धरती पर पधारे हैं। राष्ट्रपति कोविंद ने यहां जन्म लिया और इसे ही कर्मभूमि का केंद्र स्थल बनाया। बचपन में मां का साया उठने के बाद भी आगे बढ़े। सदैव जन सेवा को प्राथमिकता दी। नर सेवा नारायण सेवा के प्रतीक है। राष्ट्रपति हम सब को गौरवान्वित कर रहे हैं। हर व्यक्ति राष्ट्रपति के साथ आत्मीयता से जुड़ा हुआ है।

लोगों को आगाह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल से कोरोना ने जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। कोरोना वायरस कम हुआ है, पर खत्म नहीं हुआ। भारत जीवन और जीविका बचाने का प्रयास कर रहा है। सावधानी और बचाव ही महत्वपूर्ण है। मास्क और दो गज की दूरी बहुत जरूरी है।

निगरानी समितियां गांव-गांव जा रही हैं। किट उपलब्ध करवा रही हैं। टेस्ट करवाने से कोई भागे न। वैक्सीनेशन निशुल्क है। वैक्सीन लगवाने से अगर भागेंगे नहीं तो निश्चित ही कोरोना से लड़ेंगे और जीतेंगे। नए वैरियंट आ रहे हैं। वायरस स्वरूप बदल रहा है। सावधानी बेहद जरूरी है।

सर्किट हाउस से रवाना होकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार सुबह करीब 09:05 बजे एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे। परौंख गांव के लोग अपने लल्ला से मिलने की आस से आनंदित हो हुए। राष्ट्रपति के स्वागत के लिए द्वार-द्वार रंगरोगन के साथ लिपाई की गई। राष्ट्रपति बनने के करीब चार साल बाद रामनाथ कोविंद रविवार को पहली बार पैतृक गांव परौंख पहुंचे। इससे गांव के लोगों का सालों का इंतजार खत्म हो गया।

परौंख गांव पहुंचते ही राष्ट्रपति सबसे पहले पथरी देवी मंदिर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और उनकी बेटी भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उनके साथ मंदिर पहुंचीं। राष्ट्रपति ने पथरी देवी मंदिर में माथा टेका और परिक्रमा की।

करीब 15 मिनट तक विधि-विधान से पुजारी कृष्ण कुमार बाजपेई ने पूजा संपन्न कराई। राष्ट्रपति इस मौके पर फल-मिष्ठान अपने साथ ही लाए थे। राष्ट्रपति ने देवी के चरणों में 11 हजार रुपये अर्पित किए। पुजारी को 11 सौ रुपये भेंट दी। राष्ट्रपति ने इस मौके पर अपनी बेटी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पथरी देवी मंदिर के महत्व और अपने पिता द्वारा की गई देखरेख के बारे में भी बताया।

कानपुर देहात में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली। मुख्यमंत्री योगी ने इसकी घोषणा की। साथ ही सीएम ने कहा कि यूपी में आज से बच्चों के लिए मेडिसिन किट का वितरण होगा। कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है।

परौंख में जनसभा स्थल मंच से राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे आने से जितनी आपको खुशी है, उससे ज्यादा खुशी मुझे है। इसीलिए हेलीकॉप्टर से उतरकर अपनी धरती को चरण स्पर्श किया। कहा कि इस बार आने में जितना देर हुई, कोशिश होगी कि अगली बार इतना विलम्ब न हो।

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं आपके जैसा नागरिक हूं, बस संविधान में उसे प्रथम नागरिक का दर्जा है। सपने में नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति बनकर सेवा करूंगा। हम सब बराबर की पृष्ठभूमि से हैं। प्रधानमंत्री तो यूपी ने बहुत दिए लेकिन राष्ट्रपति यूपी से पहला है।

अब यूपी वालों के लिए भी राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुल गया है। गांव में पक्के मकान बन गए, रोहनिया बाजार देखकर अच्छा लगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे सहपाठी जसवंत सिंह, चंद्रभान सिंह, दशरथ सिंह बहुत याद आते हैं।

कहा कि कोरोना काल में फिटनेस और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने की कोशिश है। खुद को टीका लगवाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। गांव वालों को राष्ट्रपति भवन देखने की व्यवस्था खुद करूंगा। आप लोग आएं और देखें। संबोधन के बाद राष्ट्रपति पुखरायां पहुंचे।

नासिक के गुलाब व लखनऊ के रजनीगंधा से सजा मंदिर

राष्ट्रपति पैतृक गांव आने पर पथरी देवी मंदिर में परिजनों समेत पूजन करने गए। इसे देखते हुए पथरी देवी मंदिर को नासिक के गुलाब, लखनऊ के रजनीगंधा आदि फूलों से सजाया गया। मंदिर में छह प्रकार के करीब तीन क्विंटल फूल लगाए गए हैं।

पुखरायां में 67 लोगों से मुलाकात करेंगे राष्ट्रपति

पुखरायां में राष्ट्रपति से मिलने के लिए कुल 67 लोगों को अनुमति दी गई है। इन्हें पास भी जारी कर दिया गया है। राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले प्रमुख लोगों में भोगनीपुर विधायक विनोद कटियार, कानपुर के किदवईनगर से विधायक महेश चंद्र त्रिवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान, पुखरायां नगर पालिका अध्यक्ष सत्यप्रकाश संखवार, रेलवे सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य शेख मोहम्मद, डॉ. अवध दुबे, पूर्व जिलाध्यक्ष राहुल देव अग्निहोत्री, आरएसजीयू डिग्री कॉलेज के प्रबंधक श्रीप्रकाश द्विवेदी, डॉ. जय गोयल आदि शामिल हैं।

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