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प्रेसीडेंशियल हो या महाराजा, ट्रेन से ही कानपुर आएंगे राष्ट्रपति !

president ramnath kovid

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने चार दिवसीय दौरे पर अपने शहर कानपुर आ रहे हैं। अबकी बार राष्ट्रपति हवाई यात्रा की जगह ट्रेन से यात्रा करेंगे। इसको लेकर रेलवे ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पहले यह बताया गया कि राष्ट्रपति प्रेसीडेंशियल ट्रेन से कानपुर का सफर करेंगे, लेकिन अब यह जानकारी आ रही है कि प्रेसीडेंशियल की जगह महाराजा ट्रेन से आएंगे। हालांकि अभी यह सुनिश्चित नहीं हुआ कि राष्ट्रपति ट्रेन से यात्रा करेंगे या हवाई यात्रा। कुछ भी हो यह तो कल तक सुनिश्चित हो पाएगा, लेकिन जिस तरह से रेलवे के अधिकारी तैयारियों में जुटे हैं उससे पूरी संभावना है कि राष्ट्रपति ट्रेन से ही अपने शहर कानपुर का सफर करेंगे।

देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव कानपुर देहात के परौंख गांव के साथ अपनी शैक्षणिक स्थली कानपुर नगर 25 जून को आ रहे हैं। यहां पर तीन रात्रि विश्राम करेंगे और अपनी चार दिवसीय यात्रा में दूसरे दिन 26 जून को कानपुर में अपने पुराने मित्रों, भाजपा नेताओं और उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे। तीसरे दिन 27 जून को अपने पैतृक गांव हवाई यात्रा से परौंख जाएंगे। इसके साथ ही उसी दिन उनका कार्यक्रम पुखरायां में भी हैं। इसके बाद कानपुर में रात्रि विश्राम कर चौथे दिन 28 जून को लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे।

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चार दिवसीय यात्रा को लेकर प्रशासन और पुलिस विभाग कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने में जुट गया है। लेकिन अभी यह सुनिश्चित नहीं है कि उनकी यात्रा ट्रेन से होगी या हवाई। हालांकि राष्ट्रपति भवन से जो अधिकारिक पत्र आया है उसके अनुसार ट्रेन से ही कानपुर आएंगे, लेकिन मामला देश के प्रमुख व्यक्ति का है। इसलिए संभावना है कि 23 जून को ही शाम तक फाइनल हो पाएगा, लेकिन जिस प्रकार रेलवे के अधिकारी तैयारियों में जुटे हैं उससे पूरी संभावना है कि राष्ट्रपति ट्रेन से ही कानपुर का सफर तय करेंगे। यह अलग बात है कि अभी ट्रेन को लेकर अधिकारी दुबिधा में हैं। रेलवे के सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति को पहले प्रेसीडेंशियल ट्रेन से आना था, पर अब कुछ बदलाव किया गया है और अब आईआरसीटीसी की महाराजा एक्सप्रेस ट्रेन से आएंगे।

दुनिया की सबसे शानदार ट्रेनों में शुमार है महाराजा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नई दिल्ली से कानपुर तक का सफर ट्रेन से तय करेंगे। संभावना है कि इस दौरान उनकी ट्रेन झींझक व रुरा स्टेशन पर कुछ देर के लिए ठहरेगी, जहां राष्ट्रपति चुनिंदा लोगों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद ट्रेन कानपुर सेंट्रल पर आकर खड़ी होगी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक दुनिया की सबसे शानदार ट्रेनों में शुमार पांच सितारा होटल की तर्ज की महाराजा एक्सप्रेस ट्रेन से राष्ट्रपति कानपुर तक का सफर तय करेंगे। इस ट्रेन के परिचालन के लिए आईआरसीटीसी के उच्चाधिकारियों द्वारा तैयारियां भी शुरु कर दी गईं हैं। सूत्रों के मुताबिक आईआरसीटीसी के दो उच्चाधिकारियों की ड्यूटी भी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान इस ट्रेन में लगाई जाएगी। ट्रेन में सुरक्षा की जिम्मेदारी राष्ट्रपति के सुरक्षा दस्ते की रहेगी।

महाराजा की है यह खासियत

महाराजा ट्रेन को राजसी सफर वाली ट्रेन भी कहा जाता है। इसमें 23 कोच हैं और शानदार 43 केबिन हैं, जो कि किसी पांच सितारा होटल के कमरे की तरह हैं। ट्रेन का टिकट दो लाख से शुरू होकर 16 लाख रुपये तक का है। खास बात यह है कि महाराजा एक्सप्रेस में प्रेसीडेंशियल सुइट है। यह सुइट रेल के एक पूरे कोच में बनाया गया है। अलग बेड रूम है। कोच की छत पर कृत्रिम तारों की रोशनी रहती है, जो कि खुले आसमान का एहसास कराती है। इस सुइट के अंदर ही बने लिविंग रूम का फर्श मकराना मार्वल से तैयार किया गया है। यह सुइट राजसी एहसास दिलाता है। इस ट्रेन का सफर बेहद खुशनुमा व लग्जीरियस माना जाता है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि जिन प्लेटों में खाना परोसा जाता है उन पर सोने की पर्त चढ़ी होती है। पानी चांदी के गिलासों में सर्व किया जाता है। ट्रेन में दो रेस्टोरेंट भी हैं। एक का नाम मोर महल, जबकि दूसरे रेस्टोरेंट का नाम रंग महल रखा गया था।

पहली बार जाएंगे अपने पैतृक गांव

राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद अपने शहर कानपुर नगर तो कई बार आएं, लेकिन अपने पैतृक गांव कानपुर देहात के परौंख नहीं गये। हालांकि हर बार उनके गांव के लोग मिलने आते थे और गांव आने का अनुरोध करते थे। ग्रामीणों के अनुरोध पर अब राष्ट्रपति के दौरान पहली बार अपने पैतृक गांव जा रहे हैं। परौंख जाने का कार्यक्रम आने के बाद कानपुर देहात और कानपुर नगर का प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना हो गया है और अधिकारी बराबर गांव का दौरा कर रहे हैं।

झींझक और रुरा स्टेशन की बदल रही तस्वीर

राष्ट्रपति के पैतृक गांव के सबसे नजदीक प्रमुख रेलवे स्टेशनों में शुमार झींझक की बदहाली को लेकर कई बार क्षेत्रीय लोग विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन कुछ खास बदलाव नहीं हो सका। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि झींझक स्टेशन अब साधारण स्टेशन नहीं रह गया, इस स्टेशन से देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की यादें जुड़ी हैं। इसी स्टेशन से वह लखनऊ और दिल्ली का सफर करते थे। अब राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ट्रेन से कानपुर आने का फैसला लिये तो रेलवे के अधिकारी झींझक और रुरा स्टेशन को चमकाने में जुट गये हैं। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति इन दोनों स्टेशन में कुछ समय रुककर अपने परिचितों से मुलाकात करेंगे। इस संभावना को लेकर रेलवे के अधिकारी दोनों स्टेशनों की तस्वीर बदलने में लगे हुए हैं।

झींझक में एडीजी जोन करेंगे स्वागत

राष्ट्रपति के आगमन को लेकर पुलिस विभाग सुरक्षा को लेकर खाका खीचना शुरु कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस विभाग ने यह तय किया है कि इटावा में आईजी रेंज मोहित अग्रवाल तो झींझक स्टेशन पर एडीजी जोन भानु भाष्कर राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे। वहीं मंडलायुक्त डा. राजशेखर भी संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों से तैयारियों को लेकर बराबर वार्ता कर रणनीति बना रहे हैं।

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