प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 40 सांसदों के साथ बैठक की। नाश्ते की मेज पर प्रधानमंत्री ने सांसदों से उनके संसदीय क्षेत्र की समस्याओं और केंद्रीय योजनाओं के बारे में चर्चा की।
प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 7 लोककल्याण मार्ग पर 40 भाजपा सांसदों के साथ मोदी की यह बैठक अनौपचारिक बताई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक का कोई तय एजेंडा नहीं था और विभिन्न पहलूओं पर प्रधानमंत्री ने सांसदों के साथ चर्चा की।
बैठक के बाद सांसदों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे दो टूक कहा है कि कोई भी व्यक्ति पार्टी और संगठन से बड़ा नहीं है। ये बात ध्यान में रखकर पूरी ताकत से चुनाव में जुट जाएं।
मोदी ने बैठक के दौरान सांसदों से उत्तर प्रदेश में पार्टी का फीडबैक भी लिया। साथ ही लखीमपुर किसान हिंसा का टेंपरचेर भी समझने की कोशिश की। मंत्री टेनी ने दो दिन पहले पत्रकारों से गाली गलौच की थी। विपक्ष ने संसद में टेनी की बर्खास्तगी मांग की थी। माना जा रहा है इसी वजह से मोदी ने टेनी को चाय पर नहीं बुलाया।
मोदी इससे पहले भी अलग-अलग राज्यों के सांसदों के साथ मुलाकात करते रहे हैं। हर बार संसद सत्र के दौरान अलग-अलग राज्यों के सांसदों से PM मिलते रहते हैं। लेकिन इस बार UP चुनाव से पहले उनकी राज्य के सांसदों से मुलाकात अहम है। वे इससे पहले पूर्वोत्तर, दक्षिणी राज्यों और मध्यप्रदेश के सांसदों से मुलाकात कर चुके हैं।
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उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में दोबारा जीत हासिल करना भाजपा के लिए चुनौती है। इसके लिए खुद पीएम मोदी लगातार सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के लिए यूपी में दौरे कर रहे हैं। इस बीच जो फीडबैक मिला है उसके आधार पर सांसदों को भी मोदी ने चुनाव में जुट जाने का मंत्र दिया है। मोदी इन बैठकों में सांसदों को सरकार और पार्टी के कामों के अलावा जनता से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण काम करने के लिए प्रेरित करते हैं।