Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

यूपी में लेदर, फुटवेयर एक्सपोर्ट को बढ़ाएंगे प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क

Private industrial parks will increase leather, footwear exports

Private industrial parks will increase leather, footwear exports

लखनऊ । उत्तर प्रदेश को ‘उद्यम प्रदेश’ में परिवर्तित कर रही योगी सरकार राज्य के ‘वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ बनने के सपने को पूरा करने में एक और मील का पत्थर रखने जा रही है। सीएम योगी के विजन को मिशन मानकर जल्द ही प्रदेश में नई लेदर व फुटवियर पॉलिसी-2025 (Leather-Footwear Policy) लागू की जाएगी। इसके लिए ड्राफ्ट तैयार हो गया है और जल्द ही इसकी अनुमोदन की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। इस पॉलिसी का उद्देश्य प्रदेश में लेदर व फुटवियर प्रोडक्शन (Leather-Footwear Production) को बढ़ाने, उसे नए स्तर पर ब्रांड करने और एक्सपोर्ट बढ़ाकर प्रदेश के राजस्व में वृद्धि करने पर केंद्रित है। उल्लेखनीय है कि कानपुर को न केवल देश-प्रदेश बल्कि विदेशों में भी लेदर व फुटवियर एक्सपोर्ट के बड़े केन्द्र के तौर पर देखा जाता है। ऐसे में, योगी सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में नई नीति लाकर लेदर व फुटवियर पार्क के निर्माण व विकास को बढ़ावा दिया जाए।

नई पॉलिसी प्रदेश में लेदर व फुटवियर क्लस्टर्स (Leather-Footwear Clusters) को बढ़ाने और प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की दिशा में भी सहायक सिद्ध होगी। इस पॉलिसी के अंतर्गत योगी सरकार प्रदेश में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने वाले डेवलपर्स को सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी में छूट समेत विभिन्न प्रकार की सहूलियतें उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

प्रति एक करोड़ रुपए के निवेश से होगा 20 रोजगार का सृजन

नई पॉलिसी का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में लेदर व फुटवियर के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन और एक्सपोर्ट की क्षमता बढ़ाकर राजस्व में वृद्धि पर फोकस्ड है। योजना के अनुसार, प्रदेश में नई पॉलिसी के अंतर्गत हो रहे प्रत्येक एक करोड़ रुपए के निवेश से 20 रोजगार का सृजन करना है। इसके जरिए स्टैंडअलोन फुटवियर व लेदर उत्पाद निर्माण इकाई, फुटवियर व लेदर मशीनरी मैनुफैक्चरिंग यूनिट तथा मेगा एंकर यूनिट को 50 से 150 करोड़ रुपए के निवेश से स्थापित किया जा सकेगा।

वहीं, क्लस्टर के विकास के लिए कम से कम 200 करोड़ तथा एलाइड फुटवियर व लेदर यूनिट से संबंधित संयंत्र, निर्माण इकाई व प्राइवेट पार्क के विकास के लिए कम से कम 150 करोड़ रुपए की धनराशि निवेश करनी होगी। इस प्रकार, प्रत्येक इकाई से 1000 से 3000 रोजगार के अवसर सृजित हो सकेंगे।

इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना पर योगी सरकार देगी प्रोत्साहन

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त देश में केवल तमिलनाडु ऐसा राज्य है जिसकी खुद की फुटवियर व लेदर प्रोडक्ट्स पॉलिसी है। ऐसे में, पॉलिसी के अंतर्गत प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना 25 से 100 एकड़ में करने वाले डेवलपर्स को अधिकतम 45 करोड़ रुपए तक की धनराशि पूंजिगत सब्सिडी के तौर पर मिल सकेगी। वहीं, भूमि क्रय में 100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी। इसके निर्माण व संचालन का कार्य 5 वर्षों में पूरा करना होगा।

इसी प्रकार, बड़े प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना 100 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में होगी। इसमें योगी सरकार की ओर से अधिकतम पूंजिगत सब्सिडी 80 करोड़ रुपए तक प्राप्त हो सकेगी जबकि भूमि क्रय में 100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी। इसके निर्माण और संचालन का कार्य भी 5 वर्षों के भीतर पूरा करना होगा। इसके अतिरिक्त, परिसर के 25% क्षेत्र को खुले व हरित क्षेत्र तथा मूलभूत सुविधाओं के लिए विकसित करने में मदद मिलेगी।

देश के कुल लेदर एक्सपोर्ट (Leather Export) में 46 प्रतिशत है यूपी की भागीदारी

-उत्तर प्रदेश देश के कुल लेदर एक्सपोर्ट में 46 प्रतिशत की भागीदारी रखता है। लेदर व फुटवियर एक्सपोर्ट के लिहाज से आगरा, कानपुर व उन्नाव प्रदेश के सबसे बड़े व प्रमुख केन्द्र हैं। आगरा की तो फुटवियर कैपिटल के तौर पर ख्याति है, जबकि कानपुर को सेफ्टी फुटवियर, लेदर एक्सेसरीज व गार्मेंट के बड़े हब के तौर पर जाना जाता है।
-कानपुर, उन्नाव व आगरा प्रदेश के सबसे बड़े लेदर व नॉन लेदर हब के रूप में मशहूर हैं जहां 200 से अधिक टेनरी ऑपरेशनल हैं। वहीं लखनऊ और बरेली उभरते हुए केन्द्र के तौर पर प्रसिद्ध हैं।
-ऐसे में, प्रदेश में अगले कुछ वर्षों में चमड़ा व फुटवियर उद्योग को बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने व्यापक खाका तैयार किया है जिसे धरातल पर उतारने के लिए उत्तर प्रदेश लेदर व फुटवियर पॉलिसी-2025 मददगार होगी।

Exit mobile version