उत्तर प्रदेश सरकार ने अब राज्य के सभी निजी लैब को भी कोरोना जांच की छूट दी गई है। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में निजी लैब को टेस्ट करने के निर्देश दिए गए हैं । उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर के टेस्ट निजी लैब द्वारा भी किए जा रहे हैं।
निजी लैब के कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर जो सैम्पल कलेक्ट कर रहे हैं उस प्रक्रिया को जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले 24 घंटे में 14,000 से अधिक मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं। कोविड-19 संक्रमण से अब लोग तेजी से ठीक हो रहे हैं। इस बीमारी से घबराने की आवश्यकता नहीं है।
श्री सहगल ने कहा कि लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, प्रयागराज में कल कुछ बेड की संख्या बढ़ाई गयी है तथा कोविड बेड की संख्या को तीव्र गति से बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ के केजीएमयू व बलरामपुर चिकित्सालय पूरी क्षमता के साथ डेडीकेटेड कोविड अस्पताल के कार्य को तेजी से संचालित किया जा रहा है। बलरामपुर चिकित्सालय में 700 बेड के सापेक्ष विस्तार में अब तक 350 बेड तैयार किये जा चुके हैं तथा शेष बेड त्वरित गति से शुरू करने के निर्देश दिये है।
बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बड़े कोरोना वैक्सीन के दाम
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री को निर्देशित किया कि केजीएमयू को पूर्णतया कोविड अस्पताल में परिवर्तित करने की प्रक्रिया में तेजी लायें। राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं है । आवागमन में थोड़ा-सा समय लग जाने के कारण से कुछ समस्या उत्पन्न हुई है।
स्थानीय स्तर पर हर तरह की व्यवस्था की गई है। जो छोटी-छोटी औद्योगिक इकाईयां ऑक्सीजन बना रही हैं उनकों अस्पतालों से जोड़ दिया गया है। लगभग 90 ऐसी इकाईयों को 285 अस्पतालों से जोड़ दिया गया है। बड़े अस्पतालों में जो आक्सीजन आ रही है उनकी माॅनीटरिंग की जा रही है। भारत सरकार ने कोटा भी बढ़ा दिया है। हर अस्पताल में 36 घंटे की आक्सीजन उपलब्ध रहनी चाहिए।