उत्तर प्रदेश उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने रविवार को प्रदेश के अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के 23 जिलों के 13 सौ सदस्य वाले संगठन के साथ वर्चुअल बैठक कर एक प्रस्ताव देते हुए कहा कि वो बच्चे जिनके माता-पिता की कोरोना से दुखद मृत्यु हो गई हो गई है, उन अनाथ बच्चों की शिक्षा का भार निजी विद्यालयों द्वारा उठाया जाए।
बैठक में उपमुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव का एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों ने समर्थन करते हुए अपनी सहमति दी है। डॉ. शर्मा ने इस प्रस्ताव के समर्थन के लिए आभार जताते हुए कहा कि निजी विद्यालय प्रदेश में शिक्षा के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आज की यह पहल अनाथ हुए बच्चों के भविष्य को संवारने में मील का पत्थर साबित होगी। बच्चें देश का भविष्य है इसलिए यह पहल राष्ट्रनिर्माण के यज्ञ में एक आहुति की तरह ही है।
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उन्होंने कहा कि यही बच्चे प्रधानमंत्री जी का न्यू इंडिया है। जिसमें उनके सबका साथ सबका विकास के मंत्र को आत्मसात कर किसी को भी पीछे नहीं छूटने दिया जा रहा है। अब यह बच्चें भी किसी से पीछे नहीं रहेंगे। माता-पिता की अनुपस्थिति में भी उन्हे गुणवत्तापरक शिक्षा प्राप्त होगी तथा आने वाले समय में वे देश निर्माण में भी योगदान देंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की पहल पर अनाथ बच्चों की फीस, पुस्तकों व स्कूल ड्रेस का खर्च वहन करने के निजी स्कूलों की सहमति देश के अन्य राज्यों को भी राह दिखाएगी।
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प्रदेश स्तरीय बैठक में जगदीश गांधी, पुष्पलता अग्रवाल, अनिल अग्रवाल अध्यक्ष अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, सुशील गुप्ता अध्यक्ष आगरा एसोसिएशन, दीपक मधोक अध्यक्ष पूर्वांचल एसोसिएशन वाराणसी, विशाल जैन अध्यक्ष सीआईएसए, राहुल केसरवानी, पीटर फेंथम सीनियर, आश्रिता दास, बृजेंद्र सिंह, जीवन खन्ना, रचित मानस, राजीव तुली, सुनीता गांधी, रीता खन्ना, ख्वाजा फैजी, युसूफ फरहान सिद्दीकी, रितेश द्विवेदी शामिल हुए।