कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गायों की मौत पर चिंता जाहिर की और कहा कि ललितपुर के सौजना से आई गौमाता के शवों की तस्वीरें विचलित करने वाली हैं।
कांग्रेस महासचिव ने अपने दो पेज के पत्र में कहा कि अभी ये विवरण नहीं मिले हैं कि गायों की मौत किन परिस्थितियों में हुई है लेकिन तस्वीरों से लग रहा है कि चारा-पानी न मिलने की वजह से ही मरी हैं।
उत्तर प्रदेश से आई मृत गायों की तस्वीरों को देखकर विचलित होकर मैं यह पत्र माननीय मुख्यमंत्री, यूपी सरकार को लिख रही हूं। प्रदेश की कई गौशालाओं में यही स्थिति है।
इस समस्या को सुलझाने के मॉडल मौजूद हैं। गौमाता की देखभाल के घोषणाओं के साथ साथ योजनाओं को अमलीजामा पहनाना जरूरी है। pic.twitter.com/XRa0xsoQKW
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 21, 2020
प्रियंका गांधी ने लिखा कि दुखद यह भी है कि यह इस तरह की पहली तस्वीर नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी तस्वीरें आती रही हैं। हर बार इन पर कुछ देर के लिए चर्चा होती है लेकिन इनकी देखभाल के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। सवाल उठता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
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प्रियंका गांधी ने कहा कि सत्ता में आने के समय मुख्यमंत्री जी आपने गौवंश की रक्षा और गौशालाएं बनवाने की बात की थी लेकिन वास्तविकता यही है कि इस संदर्भ में आपकी घोषणाओं के बावजूद सरकार के प्रयास पूरी तरह से विफल रहे हैं। गायों की भलाई के नाम पर गौवंश की दुर्दशा की जा रही है। गौशालाएं खोली गईं मगर सच यह है कि वहाँ गौवंश को चारा और पानी नहीं सिर्फ असंवेदनशीलता मिलती है।
अफसर व गौशाला संचालक पूर्णतः भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। पूरे प्रदेश में हर दिन न जाने कितनी गायें भूखी प्यासी मर रही हैं। प्रियंका गांधी ने पत्र में कहा है कि जहां गौशालाएँ इस परिस्थिति में हैं, वहीं आवारा पशु की भी भयंकर समस्या है। किसान पूरी तरह से हलकान हैं। वे रात-रात भर जागकर अपनी फसलों की रक्षा कर रहे हैं। फसलों की रक्षा के लिए उन्हें हजारों रुपये खर्च कर खेतों की तारबंदी करवानी पड़ रही है।
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प्रियंका गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी मानते थे कि गौरक्षा का अर्थ केवल गाय की रक्षा नहीं है बल्कि उन सभी जीवों की रक्षा है जो असहाय और दुर्बल हैं।