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गर्भधारण में समस्या? तनाव न लें, इन बातों का रखें ध्यान

आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में हर 6 में से 1 दंपति प्रजनन संबंधी समस्या का सामना कर रहा है। ऐसे में कई दंपतियों के लिए बच्चे को दुनिया में लाने की यह प्रक्रिया तनावपूर्ण और तकलीफों से भरी हो जाती है। हालांकि कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाकर प्रजनन से जुड़ी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। गर्भधारण को आसान बनाने के लिए नारायणा हेल्थकेयर्स विमिंज ऐंड चाइल्ड इंस्टिट्यूट की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. लावण्या किरण और एमएमजी जिला अस्पताल, गाजियाबाद के डॉ. अनिल प्रकाश ने अहम सुझाव दिए हैं…

हेल्दी डायट का सेवन करें
बहुत से लोग इस बात पर गंभीरता से ध्यान नहीं देते लेकिन भोजन और प्रजनन दोनों एक-दूसरे से जुड़े हैं। लिहाजा संतुलित और पोषक आहार का सेवन करें, जिसमें विटमिन और आयरन से भरपूर सब्जियां जैसे पालक, ब्रॉकली और साबुत अनाज जैसे गेहूं, ब्राउन राइस और बाजरा और पनीर, अंडा, मछली, सोयाबीन जैसे प्रोटीन वाले पदार्थ शामिल हों। इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड, मैदा और शक्कर से दूरी बनाकर रखें।

फिट और ऐक्टिव रहें
फिट और ऐक्टिव रहने का मतलब यह नहीं आप अपना अधिकांश समय जिम में बिताएं। लेकिन अपनी दिनचर्या में एक सामान्य एक्सर्साइज या फिजिकल ऐक्टिविटी को जरूर शामिल करें। इससे हॉर्मोन संतुलन और रक्त संचार को बनाए रखने और गर्भधारण के अवसरों को बढ़ाने में मदद मिलती है। ब्रिस्क वॉक, लाइट जॉगिंग, साइक्लिंग और स्विमिंग जैसी ऐक्टिविटीज बेहतर साबित होगी।

फर्टिलिटी मॉनिटर यूज करें
महिलाओं के प्राकृतिक चक्र के दौरान केवल कुछ ही दिन ऐसे होते हैं, जब गर्भधारण की संभावना होती है। प्रत्येक दंपति के लिए यह आवश्यक है कि वे स्वयं को अपने गर्भधारण के सबसे अधिक संभावना वाले दिनों को लेकर सजग करें, क्योंकि प्रत्येक महिला का चक्र अलग होता है जो कि उनमें हॉर्मोन्स के स्तर के हिसाब से नियंत्रित होता है इसलिए फर्टिलिटी मॉनिटर का प्रयोग करने से बहुत बड़ी मदद मिल सकती है। ये मॉनिटर 6 सबसे अधिक गर्भधारण की संभावना वाले दिनों की पहचान कर सकते हैं।

अनावश्यक तनाव न लें
स्ट्रेस और एंग्जायटी दोनों ही फर्टिलिटी हॉर्मोन्स की रिलीज को घटाते हैं और ऑव्यूलेशन की प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं। लिहाजा तनाव महसूस होने पर मेडिटेशन या योग के द्वारा खुद को नियंत्रित करने का प्रयास अवश्य करें। अपनी भावनाओं को अपने जीवनसाथी, दोस्तों या परिवार संग साझा करें, इससे मन हल्का होता है।

कैफीन और ऐल्कॉहॉल से दूर रहें
कैफीन के सेवन को घटाना और ऐल्कॉहॉल से दूरी बनाना भी गर्भधारण के अवसरों को बढ़ा सकता है। हालांकि थोड़ी मात्रा में चाय या कॉफी का सेवन सुरक्षित है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा लेने से बचना चाहिए। दूसरी तरफ ऐल्कॉहॉल हर तरह से गर्भधारण पर बुरा असर डाल सकता है और इसकी वजह से अनियमित पीरियड्स और ऑव्यूलेशन में कमी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

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