वाराणसी । यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने जोर देते हुए आज कहा कि इस मामले में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बीएचयू में आयोजित आंगनवाड़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम में दूसरे दिन मंगलवार को मातृ शिक्षा एवं शिशु की देखभाल विषय पर एक प्रशिक्षिका की भूमिका में दृष्टांतों का उदाहरण देते हुए कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री सौभाग्यशाली है कि वह माता और टीचर की भूमिका एक साथ निभाती है। बच्चों को जन्म देती हैं। फिर राह दिखाती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की अधिक जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा में लगभग 60 फ़ीसदी एवं आंगनवाड़ी में 100 फ़ीसदी महिलाएं काम कर रही हैं। बाल विकास महिला कल्याण विभाग में गांव से लेकर ऊपर तक महिलाओं की मदद से अनेक कार्यक्रम चलाये जाते हैं। घर पर माताएं बच्चों को संस्कार देती हैं। नौ माह गर्भ में रखती है। उसके पूर्व किशोरी होती हैं। किशोरावस्था से ही महिलाओं को जानकार एवं कुशल बनाना है। किशोरियों के हीमोग्लोबिन की जांच हो और उसे ठीक रखा जाए। गर्भ के दौरान महिलाओं को कैसे रहना है। क्या खाना है। प्रसन्न चित्त वातावरण घर में रखें।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के बच्चे बहुत संवेदनशील हैं। बच्चों में मोबाइल की आदत नहीं डालें। माताएं अपने काम की व्यस्तता में भी बच्चों को मोबाइल देकर नहीं उलझाए। इसका गलत असर पड़ता है। बच्चों के खानपान में तला-भुना जैसा खाद्यान्न से परहेज करें। पौष्टिक एवं सुपाच्य भोजन की आदत डालें।
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मातायें बच्चों की तबीयत खराब होने पर डॉक्टर को दिखायें। किसी जादू टोना झाड़-फूंक गंडा ताबीज जैसे अंधविश्वास में नहीं आने दें। राज्यपाल ने कहा कि बाल विवाह, दहेज प्रथा बड़ी सामाजिक कुरीति है। इसका सरकार द्वारा भी पूरा निषेध किया गया है। शिक्षित महिलाएं इसमें संकल्प के साथ आगे बढ़ कर जागरूकता के साथ इसे हटाने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि किसी सामाजिक कुरीति को हटाने पर पहले विरोध होता है, फिर पूरा समाज उसे ठीक मानकर अच्छा कहने लगता
है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि वह कानपुर एवं लखनऊ यूनिवर्सिटी में गर्भ संस्कार का आयोजन करा रही हैं। स्वस्थ माता, स्वस्थ बच्चे, संस्कारित शिक्षा, शिक्षित नारी पूरे घर परिवार को अच्छे से गढ़ सकती है। इसके लिए स्वयं प्रशिक्षित हो और दूसरों को जागरूक करें। सभी विभाग मिलकर बाल विकास एवं महिला कल्याण के कार्यों के लिए समन्वित रूप से कार्य करें। इससे आदर्श समाज का निर्माण होगा। देश सुख-समृद्धि से बढ़ेगा। अच्छा सोचे, अच्छा करें।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण बहुत उपयोगी होगा। इसमें काशी के आंगनवाड़ी केंद्रों में बाल विकास एवं महिला कल्याण के चमत्कारी अच्छे परिणाम दिखेंगे। इस अवसर पर प्रदेश की मंत्री स्वाति सिंह सहित विद्या भारती के पदाधिकारी , विभागीय अधिकारी व बड़ी संख्या आंगनवाड़ी कार्यकत्री उपस्थित थीं।