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किसी भी मुल्क की तरक्की के लिए शिक्षा का प्रचार प्रसार बहुत जरूरी : तंज़ीन फात्मा

Tanzin Fatma

Tanzin Fatma

सपा सांसद आज़म खान की पत्नी शहर विधायक तंज़ीन फात्मा सभी 34 मुकदमों में जमानत होने के बाद लगभग 10 महीने सीतापुर जेल में रहने के बाद सोमवार शाम जेल से रिहा हुई और मंगलवार सुबह रामपुर पहुँची थीं।

शहर विधायक तंज़ीन फात्मा ने कहा कि जेल में 10 महीने के करीब रही आम कैदियों के साथ जो सुलूक होता है वैसे ही रहा, मेरे शौहर के साथ और बेटे के साथ किया गया कोई भी अलग से सुविधाएं नहीं रहीं। मैं बीमार थी और काफी हद तक बीमार थी और हाथ में फैक्चर भी हुआ लेकिन जेल में जो सुविधा मेडिकल फैसिलिटी और लोगों के लिए थी वह मेरे लिए भी थी। जिला चिकित्सालय सीतापुर में हाथ पर प्लास्टर भी चढ़ाया गया जो 1 महीने तक चढ़ा रहा और दवाई वगैरा यहां से मंगाती थी और कुछ वहां से मिल जाती थी।

तंज़ीन फात्मा ने कहा 10 महीने की जो तकलीफे थी उसमें यह एक एहसास जरूर रहा की एक इदारा जो है जौहर विश्वविद्यालय इसकी स्थापना रामपुर में तो जरूर हुई लेकिन इससे पूरे देश के बच्चों का हित हुआ। यहां सिर्फ रामपुर के ही बच्चे नहीं पढ़ते हैं और शहरों से बच्चे आते हैं। शिक्षा देना एक बहुत ही पवित्र उद्देश्य है और किसी भी मुल्क की तरक्की के लिए शिक्षा का प्रचार प्रसार बहुत जरूरी है लेकिन यह बहुत अफसोस की बात है मुझे इसका सिला यह मिला। यह भी बहुत एक तकलीफ दे बात है कि जिस शहर में मैं 32-33 साल एक गजेटेड ऑफिसर थी मैंने पोस्ट ग्रेजुएट छात्र-छात्राओं को शिक्षा दी आज भी शहर में और शहर से बाहर भी मेरे पढ़ाये हुए स्टूडेंट्स होंगे और नौकरी में भी होंगे।

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मैंने यहां रज़ा कॉलेज में पढ़ाया गर्ल्स डिग्री कॉलेज में भी पढ़ाया और 60 साल की उम्र में रिटायर हुई। और यह भी अपने आप में एक अजीब उदाहरण होगा कि 60 साल की उम्र तक जिसकी सत्य निष्ठा एक गजेटेड ऑफिसर ने हायर एजुकेशन के डायरेक्टर ने प्रमाणित की हो उसे ऐसा क्रिमिनल बना दिया जाए जिसके ऊपर जमीन कब्जे, भैंस चोरी, बकरी चोरी वगैरह यह सारे इल्जामात लगाए जाएं तो शायद ही कोई हिंदुस्तान में ऐसा उदाहरण मिले जो 60 साल की उम्र तक तो सरकार की सेवा करें और 60 साल के बाद बुढ़ापे में वो एकदम क्रिमिनल बन जाए।

जेल में आजम खां और अब्दुल्ला से मुलाकात पर कहा कि हफ्ते में 1 दिन होती थी जैसे सब लोगों की होती थी वैसे मेरी भी होती थी। कोई आम मुलाकात नहीं होती थी।

जेल से रिहाई पर आजम खान का जनता के लिए संदेश पर कहा कि उनका कहना यही है कि जिस शिक्षण संस्थान जौहर विश्वविद्यालय के लिए इतनी तकलीफें उठाई हैं उनके ऊपर इतने इल्जामात लगाए गए कि उन्हें भू माफिया तक घोषित कर दिया गया तो उनका यही संदेश है कि जहां तक हो सके इस विश्वविद्यालय की हिफाजत करो जो भी मुमकिन कोशिश है इसकी तरक्की के लिए है वह आवाम करे।

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तंज़ीन फातमा ने कहा कि लगातार मुकदमे तो जरूर दर्ज हुए लेकिन न्यायपालिका से इंसाफ मिला और आगे भी उम्मीद है न्यायपालिका से इंसाफ मिलेगा। यह सब सियासी रंजिश तो है ही और पूरा मुल्क जानता है कि यह ज्यादती तो हुई है। लेकिन हम अपना तालिमी मिशन जारी रखेंगे कितनी भी रुकावट क्यों ना आए। और हर मुमकिन कोशिश करेंगे कि जौहर विश्वविद्यालय को बचाएं और आज भी ऊपर वाले का शुक्र है बकायदा यूनिवर्सिटी और क्लासेस चल रही है। यह यूनिवर्सिटी आवाम की है आवाम इसकी हिफाजत करें। और इसमें हमें सहयोग मिल रहा है यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और वहां के स्टाफ का भी इतने मुश्किल वक्त में भी उन्होंने यूनिवर्सिटी पर और यूनिवर्सिटी के क्लासेस पर भी कोई आंच नहीं आने दी।

कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों से भी कहा कि हमेशा वक्त एक सा नहीं रहता है और हमें तो अपने ईमान पर यकीन है और ऊपर वाले से बढ़कर कोई नहीं और वह साथ देगा और दे रहा है। हमारे इरादे और मजबूत हुए हैं और उन लोगों को भी समझना चाहिए कि और जो लोग कमजोर पड़ रहे हैं या मायूस हैं उन्हें भी यह समझना चाहिए कि वक्त हमेशा एक सा नहीं रहता है और ऊपर वाले ने सजा देना शुरू कर दी है। साथ ही कहा कि पार्टी हमारे साथ है और जैसी भी मुमकिन मदद है और हो सकती है पार्टी हमें दे रही है जो भी रयूमर फैलाया जा रहा है वह बिल्कुल गलत है।

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