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आजम खान की विधायकी रद्द करने वाले जज का प्रमोशन, बनाए गए ADJ मऊ

Nishant Mann

Promotion of Judge Nishant Mann who sentenced Azam Khan

रामपुर। पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान (Azam Khan) की विधायकी रद्द करने वाले रामपुर के जज का प्रमोशन किया गया है। आजम खान को 3 साल की सजा और जुर्माना डालने वाले जज निशांत मान (Nishant Mann ) का 2 दिन पहले शनिवार को एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट से ट्रांसफर किया गया था। उनका ट्रांसफर मऊ में किया गया है। न्यायालय सूत्रों के मुताबिक उनका प्रमोशन एडीजे के तौर पर किया गया है।

अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि आजम खान की आज सुनवाई के दौरान पीठ खाली होने के चलते दो केस में अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी। आजम खान व उनके परिवार के अन्य आरोपी 23 जनवरी को भी सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर नहीं हुए।

रामपुर के 5 जजों को बनाया गया एडीजे

हाई कोर्ट ने 286 जजों को प्रोन्नति दी है, जिसमें 5 रामपुर के जजों को एडीजे बनाया गया है। इसमें 2 जजों को रामपुर से ट्रांसफर दिया गया है, जिनमें एक निशांत मान हैं। निशांत मान (Nishant Mann) को मऊ भेजा गया है और दूसरे जज सतेंद्र कुमार को ट्रांसफर कर लखनऊ भेजा गया है।

एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट के जज निशांत मान ने सुनाई थी सजा

रामपुर में 27 अक्टूबर 2022 को पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई गई थी। साथ ही उनपर जुर्माना भी डाला गया था। इस पर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई और उनका वोट का अधिकार भी सीज कर दिया गया। आजम खान को सजा एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट के जज निशांत मान (Nishant Mann) ने सुनाई थी। उन्हें यह सजा हेट स्पीच के मामले में सुनाई गई थी।

निशांत मान (Nishant Mann ) कई विधायकों को सुना चुके हैं सजा

इसके अलावा आजम खान के अन्य कई मुकदमों के साथ दो जन्म प्रमाण पत्र और हेट स्पीच का मामला अब भी एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में विचाराधीन है, जिसकी 23 जनवरी को सुनवाई हुई। जज निशांत मान का शनिवार को रामपुर से मऊ ट्रांसफर कर दिया गया और आज उनको प्रोन्नति देते हुए एडीजे बनाया गया है। बेंच खाली होने के चलते आज आजम खान के दोनों मामलों में सुनवाई नहीं हो सकी और अब इसकी सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तारीख मुकर्रर की गई है। निशांत मान कई विधायकों को सजा सुना चुके हैं।

पीएम मोदी पर आजम ने की थी आपत्तिजनक टिप्पणी

आजम खान के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अभद्र भाषा इस्तेमाल का आरोप लगा था। यह मामला तीन साल तक कोर्ट में चला। आखिरकार 27 अक्टूबर 2022 को इस मामले में आजम खान को सजा सुनाई गई। साथ ही उनपर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। इसमें हाथ के हाथ जमानत मिलने से उन्हें रिहा कर दिया गया।

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सजा के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी विधायक सदस्यता रद्द कर दी। साथ ही प्रशासन ने उनके वोट देने का अधिकार भी आजम खान से छीन लिया। आजम खान पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ साथ तत्कालीन डीएम रामपुर रहे आञ्जनेय सिंह के बारे में भी अभद्र टिप्पणी का आरोप है।

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