काठमांडू: नेपाल के बीरगंज शहर में जमीयत उलेमा-ए-नेपाल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के नरसंहार पर विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस बीच रेलवे सहयोग पर भारत और नेपाल के संयुक्त कार्यदल की शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत हुई। गुरुवार को हुए इस प्रदर्शन का नेतृत्व जमीयत उलेमा-ए-नेपाल के चेयरमैन मौलाना अली असगर मदानी कासमी कर रहे थे। प्रदर्शनकारीयों में चीन के अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोगों पर हो रही प्रताड़नाओं को लेकर आक्रोश था। उन्होंने काठमांडू स्थित चीन के दूतावास को एक पत्र लिख कर शिनजियांग में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की।
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पिछले छह वर्षों के दौरान लाखों उइगर लोगों को कैंपों और जेलों में रखा गया है। प्रेक्षकों के अनुसार, अंगों के लिए इन लोगों की हत्या कर दी जाती है। महिलाओं के साथ दुष्कर्म के बाद उनकी नसबंदी कर दी जाती है या मार डाला जाता है। इस बीच रेलवे सहयोग पर भारत और नेपाल के संयुक्त कार्यदल की शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक हुई। इसमें सीमापार रेल लिंक परियोजनाओं की समीक्षा की गई जिनसे दोनों देशों के लोगों को फायदा होगा। भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर बताया कि भारत-नेपाल संयुक्त कार्यदल की चौथी बैठक में दोनों देशों ने जयनगर- बिजलपुरा-बर्दिबास और जोगबनी- बिराटनगर के बीच रेल लिंक परियोजनाओं की समीक्षा की।