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खेत तक पर्याप्त पानी पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता: स्वतंत्र देव

Swatantradev

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (swatantra dev) ने सोमवार को कहा कि नदियों के जल का सदुपयोग और किसानो के खेतों तक पर्याप्त जल पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

श्री सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा कि जल जीवन मिशन के तहत सरकार ने पांच वर्षां में तीन लाख 70 हजार करोड़ रुपये का बजट देने का प्रावधान किया ताकि हर घर नल से जल पहुंच सके। पानी के लिए किसी को भटकना न पड़े। दुर्गम पहाड़ी समेत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पीने का पानी साफ मिले और घर की महिलाओं को पानी की समस्या से पूरी तरह छुटकारा मिल जाए। योजना से महिलाओं के स्वास्थ्य में भी सुधार हो रहा है।

उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन को बेहतर करने के लिए यूपी में तीव्र गति से काम हो रहे हैं। लाखों परिवारों के जीवन में सुधार हो रहा है। प्रथम चरण में बुंदेलखंड और विंध्य के साथ-साथ प्रदेश के 66 जिलों में घर-घर श़दध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल के क्षेत्र में निरंतर काम हो रहा है। प्रधानमंत्री का मानना है कि देश के विकास के लिए पानी की बाधा समाप्त होना बहुत जरूरी है। देश की नदियों के जल का सदुपयोग हो किसानों के खेत तक पर्याप्त पानी पहुंचे यह सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता में से एक है।

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 में लाल किले की प्राचीर से जल जीवन मिशन की हर घर नल योजना की बात कही थी जिसके बाद से भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। योजना से हर घर नल से जल पहुंचाने का संकल्प पूरा किया जा रहा है। इस दिशा में सभी योजनाओं के छोटे-बड़े कार्यों की निकटता से हम मानीटर कर रहे हैं।

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है। पूर्व की केन्द्र व राज्य की सपा, बसपा की सरकारों ने कुर्सी पर बैठकर जल समस्या का समाधान करने के बजाय लूट खसोट में अपना समय बिताया। आज देश में मोदी और राज्य में योगी सरकार जल संकट समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को तपती धूप में मीलों दूर से पानी भरकर लाना पड़ता था। मुख्य रूप से बुंदेलखंड की महिलाओं को अनेक संकटों का सामना करना पड़ता था। 2014 से ही सरकार का ध्यान पूर्ण रूप से गरीबों और वंचितों के सशक्तीकरण पर रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने से पहले देश के केवल 16 प्रतिशत घरों में ही नल से जल की सुविधा उपलब्ध थी जबकि जल जीवन मिशन की शुरुआत के बाद मात्र दो वर्षों में 49 प्रतिशत घरों में नल से शुद्ध पानी पहुंच रहा है। श्री मोदी ने वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण को शुद्ध जल पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। जिसे पूरा करने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर प्रयास कर रहे हैं। जल मंत्रालय भी प्रयास कर रहा है।

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के साथ ही प्रदेश के 66 जिलों में गाँव-गाँव तक नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना पर युद्धस्तर से कार्य चल रहा है। प्रदेश भर में ऑनगोईंग योजनाओं (नई योजनाओं) के तहत कुल 913537 घरों में पानी के कनेक्शन देकर शुद्ध जलापूर्ति शुरु करा दी गई है। प्रदेश में पुरानी योजनाओं की मरम्मत कर नए सिरे से (रेट्रोफिटिंग योजना) 1644139 घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है।

उन्होने कहा कि यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में 13.47 प्रतिशत से ज्यादा शुद्ध जलापूर्ति की जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा काम प्राथमिकता के आधार पर बुंदेलखंड और विंध्य के ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया है। जहां पेयजल की सबसे अधिक समस्या थी। प्रदेश के आर्सेनिक और जेईई प्रभावित क्षेत्रों में 28008 घरों तक पहुंची पेयजल आपूर्ति, 112032 लोगों को स्वच्छ पेयजल मिला है।

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