शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने से प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh ) ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव के बाद अब सुक्खू सरकार के लिए संकट और बढ़ गया है। सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री और वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh ) ने कांग्रेस आलाकमान से खुली बगावत कर दी है। उन्होंने कहा कि क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की अनदेखी हुई है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हमने पार्टी के हर मंच पर उठाया था, लेकिन उनकी अनदेखी हुई है।
विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh ) ने कहा कि हमने हमेशा कांग्रेस आलाकमान का सम्मान किया है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सम्मान किया है, लेकिन विधायकों की शिकायत का समाधान नहीं हुआ, ये विधायकों की अनदेखी का ही नतीजा है कि हम राज्यसभा चुनाव हारे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी निष्ठा पार्टी के साथ है, इसलिए खुलकर बोल रहा हूं।
उन्होंने कहा कि इसको लेकर मैंने प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को इस बारे में बता दिया है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं और वर्तमान हालात को देखते हुए मैं इस सरकार में नहीं रह सकता हूं।
विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh ) प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी पिता को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने पिता की तुलना आखिरी मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर से की। उन्होंने कहा कि पूरा चुनाव वीरभद्र सिंह के नाम पर हुआ। भारी मन के साथ कहना पड़ रहा है कि जिस व्यक्ति की वजह से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी, उनकी मूर्ति लगाने के लिए शिमला के मॉल रोड पर 2 गज जमीन नहीं दी। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
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उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव जिन परिस्थितियों में हुए थे, उस समय नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और प्रतिभा सिंह ने मिलकर प्रयास किए। वीरभद्र सिंह का नाम तब चुनावों में इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस पार्टी की तरफ से विज्ञापन के जरिए वीरभद्र की फोटो के जरिए जनता से वोट मांगे गए। मैंने कभी पद की लालसा नहीं की।
विधायकों के साथ अनदेखी हुई है। विधायकों को प्रताड़ित किया गया है। सरकार की गवर्नेन्स हमारे सामने है। बार-बार इन मसलों को हाईकमान के समक्ष उठाया गया। सरकार को बनाने में हमने बहुत ही मतवपूर्ण योगदान दिया है। चुनी हुई सरकार के सामने अपने हर वायदे को पूरा करना।
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। जितना हमसे हो सका हमने सरकार का पूरी मजबूती से काम किया और समर्थन किया। दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे ह्यूमिलेट किया गया है। मेरे विभाग के कामकाज में हस्तक्षेप किया गया। मैं उनमें से नहीं हूं कि किसी भी दबाव में आए। हमेशा की तरह आज भी सही का समर्थन और गलत का विरोध करेंगे। पूरे घटनाक्रम को लेकर हाईकमान से बात की है।