राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कांग्रेस की गहलोत सरकार के दो साल के कार्यकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार भले ही इसका जश्न मना रही हो लेकिन इस विफल सरकार को कोई इसका मनाने का कोई हक नहीं है।
डाॅ. पूनियां ने आज यहां एक बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार के ये दो साल राजथान के राजनैतिक इतिहास के कालखण्ड के काले साल होंगे, जिसमें बेशक जनघोषणा-पत्र में अपने आपकी पीठ थप-थपाते होंगे, लेकिन किसानों से वादाखिलाफी, बेरोजगारों से झूठ और कानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ने जैसे काम दो साल के कालखण्ड में हुए।
उन्होंने कहा कि अन्तर्विरोध, अन्तर्कलह की ये कांग्रेस पार्टी की सरकार ना पार्टी चला पा रही, ना सरकार चला पा रही। इसलिए इस सरकार की झोली में इन दो सालों में एक लम्बी फेहरिस्त है विफलताओं एवं वादाखिलाफी की, जिनमें पीड़ित महिलाएं न्याय मांग रही हैं, महिलाओं के प्रति घोर असुरक्षा का माहौल, जनता को महंगे बिजली के बिलों का करंट, ढाई लाख संविदाकर्मी नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हैं, 59 लाख किसान सम्पूर्ण कर्जमाफी का इंतजार कर रहे है।
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उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की दर राजस्थान में 14 प्रतिशत है, ना बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है और ना ही लाखों भर्तियों की घोषणा कर उन्हें पूरा किया जा रहा है। इसलिए ये सरकार इतिहास की अब तक की सबसे ज्यादा अकर्मण्य, भ्रष्ट, नाकारा और अराजक सरकार है और ये सरकार नैतिक रूप से कमजोर हो चुकी है।
ड़ा. पूनियां ने कहा कि गुटों में बँटी हुई कांग्रेस सरकार जनता का भला नहीं कर सकती। अनेकों ऐसी योजनाएं है, जो केन्द्र की सरकार ने राजस्थान की जनता के हितों के लिए लागू की, उदाहरण के तौर पर आयुष्मान भारत पाँच लाख तक का बीमा, जिसकी सुविधा देशभर के नागरिकों को मिलती है, लेकिन राजस्थान का नागरिक उससे वंचित रहा है। ये सरकार निश्चित रूप से दो वर्षों में जनता का भला करने में सफल नहीं हुई।
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उन्होंने कहा कि पंचायतीराज चुनाव में लगभग ढाई करोड़ मतदाताओं ने भाजपा को जिताया और ग्यारह लाख लोगों के निकाय चुनाव में भाजपा से कुछ ज्यादा वोट लाकर सरकार चुनावों में अपनी जीत का थोथा डंका पीट रही है, लेकिन हकीकत जनता जानती है। सरकार की तरफ से सिर्फ वायदे और नारे थे, जो पूरे नहीं हुए, इसलिए जनता ने सरकार को खारिज कर दिया।