लुधियाना। पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह गैरी (AG Gurminder Singh Gary) ने इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल 31 मार्च तक था। ये भी पंजाब में पहली बार हो रहा है कि एक ही सरकार में तीन एडवोकेट जनरल पहले हटाए जा चुके हैं और चौथे एडवोकेट जनरल का कार्यकाल पूरा होने से ठीक पहले उन्हें इस्तीफा देकर जाना पड़ रहा है।
एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह गैरी (AG Gurminder Singh Gary) ने इस पद पर नियुक्त होने के 18 महीने बाद इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले विनोद घई ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया था। इसी के बाद 6 अक्टूबर, 2023 को गुरमिंदर सिंह को एजी के रूप में नियुक्त किया गया था।
कौन हैं एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह (AG Gurminder Singh Gary)?
गुरमिंदर सिंह ने चंडीगढ़ में मौजूद पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन की। उन्होंने 1989 में अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी और 2014 में उन्हें वरिष्ठ वकील नामित किया गया था। वो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, यूनियन सर्विस पब्लिक कमीशन, पंजाब विधानसभा और राज्य के अन्य बोर्डों और निगमों के लिए स्थायी वकील बने रहे। वो सेवा मुकदमेबाजी, संवैधानिक और आपराधिक मामलों में विशेषज्ञ हैं और चंडीगढ़, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी पेश हुए हैं।
तीन AG हटाए गए
मार्च 2022 में जब आम आदमी पार्टी ने राज्य की कमान संभाली थी तब डीएस पटवालिया एजी के पद पर कायम थे। नई सरकार के कार्यभार संभालने के दो दिन के अंदर ही पटवालिया ने एजी पद से इस्तीफा दे दिया था। सरकार ने तब अनमोल रतन सिद्धू को एजी नियुक्त किया था। हालांकि, सिद्धू ने सिर्फ चार महीने बाद 30 जुलाई, 2022 को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
उसी दिन, सरकार ने विनोद घई को इस पद के लिए नियुक्त किया था, जो 5 अक्टूबर, 2023 तक कार्यालय में रहे। इसी के बाद 6 अक्टूबर को, सरकार ने गुरमिंदर सिंह को एजी नियुक्त किया था। हालांकि, अब उन्होंने भी इस पद से इस्तीफा दे दिया है।