चंडीगढ। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सलाहकार नियुक्त किया है। इसको चुनौती देने वाली याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की नियुक्ति पर जनहित याचिका दायर की ही नहीं जा सकती है।
जानें क्या कहा हाईकोर्ट ने?
जस्टिस जसवंत सिंह एवं जस्टिस संत प्रकाश ने इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि एक तो इस नियुक्ति को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता यह साबित नहीं कर पाए कि इस नियुक्ति से उनके अधिकारों पर क्या प्रभाव पड़ा। हाईकोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री जनहित में अपने विवेक से किसी को भी सलाहकार नियुक्त कर सकते हैं। कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है।
क्या दी गई हैं किशोर को सुविधाएं?
बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपने प्रमुख सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया है। पंजाब सरकार की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि प्रशांत किशोर अपनी सैलरी के तौर पर सिर्फ एक रुपया लेंगे। इसके अलावा उन्हें प्राइवेट सेक्रेटरी, पर्सनल असिस्टेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, एक क्लर्क और दो चपरासी दिए जाएंगे। इसके अलावा किशोर को राज्य ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की ओर से वाहन मुहैया कराया जाएगा। इसके अलावा उनके आतिथ्य के लिए प्रति माह 5000 रुपये खर्च किए जाएंगे।
पहले भी रह चुके हैं पंजाब कांग्रेस के रणनीतिकार
किशोर ने वर्ष 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी। वर्तमान में किशोर की कंपनी, इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मदद कर रही है। किशोर ने वर्ष 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए अभियान की कमान संभाली थी।