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हाई कोर्ट मे कहा- ‘लगता है, जैसे कब्र से ही प्रैंक किया हो, देखो मुर्दे के हस्ताक्षर…’, जानें पूरा मामला

Kerala High Court reprimanded the Waqf Board

Kerala High Court reprimanded the Waqf Board

चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) के अंतरिम आदेश से जमानत पर चल रहे मृत व्यक्ति की याचिका को आखिरकार गुरुवार को खारिज कर दिया गया। बुधवार को सरकारी वकील ने दिसंबर में जारी मृत्यु प्रमाणपत्र हाईकोर्ट में सौंपा था, जिसके बाद यह खुलासा हुआ था कि केस से जुड़े व्यक्ति को मौत के एक माह बाद जमानत दी गई थी।

गुरुवार को इस मामले में याची के वकील की आयु को देखते हुए हाईकोर्ट (High Court) ने केवल उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि कब्र से आत्मा को बुलाए बिना भी अदालत किसी के लिए भयावह हो सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है, जैसे मुर्दे ने कब्र से प्रैंक किया हो। अभी भी हंसी पर्याप्त नहीं, तो देखो मुर्दे के हस्ताक्षर भी हैं।

मनजीत सिंह की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को सुनवाई के लिए पहुंची थी, जिस पर गुरदासपुर में 10 मार्च, 2023 को नशा तस्करी का मामला दर्ज हुआ था। जनवरी में हाईकोर्ट (High Court) ने उसे अंतरिम जमानत देते हुए जांच में शामिल होने का आदेश दिया था। इस दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट में याची का मृत्यु प्रमाण पत्र सौंपा, जिसके अनुसार याची की मौत 27 दिसंबर, 2023 को हुई थी और बताया कि याचिका 24 जनवरी, 2024 को दायर की गई थी।

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इसके बाद हाईकोर्ट ने याची के वकील को गुरुवार को पेश होकर यह बताने का आदेश दिया था कि याची की मृत्यु के एक महीने बाद कैसे एक मृतक के लिए याचिका दाखिल हुई और पावर ऑफ अटॉर्नी किसने दी। वीरवार को वकील ने पेश होकर माफी मांगी और कहा कि उसे गुमराह किया गया था। कोर्ट ने कहा कि आप युवा वकील हैं, लेकिन जो आपने किया है वह धोखाधड़ी है। हम युवा वकील का कॅरिअर बर्बाद नहीं करना चाहते, ऐसे में आपकी माफी स्वीकार की जा रही है।

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