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आंदोलन में शामिल पंजाब के वकील ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी वजह

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नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में आए पंजाब के एक वकील ने रविवार सुबह हरियाणा के बहादुरगढ़ में जहरीला पदार्थ निगल लिया। पीजीआई रोहतक में उनकी मौत हो गई। उनके पास से एक सुसाईड नोट भी बरामद हुआ। यह पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए लिखा गया था। इस पत्र में तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया है और कहा है कि किसान मजदूर और आम आदमी की रोटी मत छीनिए। टीकरी बार्डर से करीब सात किलोमीटर दूर पकौड़ा चौक के पास किसान आंदोलन में शामिल वकील अमरजीत सिंह ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। हालत बिगड़ती देख साथी उन्हें तुरंत बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल लेकर गए।

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जलालाबाद के एक प्रदर्शनकारी किसान जसप्रीत सिंह ने कहा कि अमरजीत पिछले 15 दिनों से बहादुरगढ़ के पकोड़ा चौक के पास किसान आंदोलन में ठहरे थे। रविवार सुबह एक किसान ने फोन पर मुझे सूचित किया कि अमरजीत ने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया है। टाइप किए इस पत्र के नीचे हस्ताक्षर के साथ हरे रंग की स्याही वाले पेन से 18 दिसंबर की तारीख लिखी है। उन्होंने पंजाबी में हाथ से लिखी कुछ पंक्तियों में न्यायपालिका के प्रति भी निराशा व्यक्त की है। सीएमओ झज्जर डॉ. संजय दहिया ने बताया कि बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में वे करीब नौ बजकर 22 मिनट पर पहुंचे।

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प्राथमिक दवा देने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पंजाब के फाजिल्का जिले के जलालाबाद बार एसोसिएशन के सदस्य वकील अमरजीत सिंह अपने साथी आंदोलनकारियों के साथ नयागांव चौक के निकट धरनारत थे। अमरजीत को बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल ले जाया गया, वहां से गंभीर हालत में रोहतक स्थित पीजीआईएमएस रेफर कर दिया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। एडवोकेट अमरजीत के पास से सुसाइड नोट के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी को अंग्रेजी में लिखा पत्र मिला है। जिसमें उन्होंने कहा है कि वह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों आंदोलन के समर्थन में बलिदान दे रहे हैं।

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