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शिक्षा का मकसद सिर्फ नौकरी पाने का माध्यम नहीं समझना चाहिए : आनंदीबेन

Writer D by Writer D
16/12/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, लखनऊ, शिक्षा
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लखनऊ में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि का 19 वां दीक्षा समारोह गुरुवार को राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में शुरू हुआ। इस दौरान छात्र-छात्राओं को अत्याधुनिक टेक्नोलाजी पर ज्ञान देते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में जिस टेक्नोलाजी का इस्तेमाल हो रहा है, उसकी सराहना जितनी कि जाए उतनी कम है। टेक्नोलॉजी का ऐसा प्रयोग हुआ है कि अगले 1000 साल तक राम मंदिर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा।

यूपी में चल रहे प्रोजेक्ट अब टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से समय से पहले पूरे हो जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि काशी का 900 करोड़ का काम मात्र दो साल में किया गया। काशी में हुए निर्माण कार्य को देखने के लिए विवि के छात्र वहाँ जाएं और देखें। अभी देखेंगे और सीख जाएंगे तो आगे सरकार पर बोझ नहीं बनेंगे। सरयू परियोजना में 10 हजार करोड़ रुपये लग गए। यह शर्म की बात है। यह सब पैसा सामान्य कर दाताओं का पैसा है।

उन्होंने छात्रों को कहा कि आपके सद्कार ही आपके व्यक्तित्व बनते हैं। आत्मनिर्भरता के लिए स्थनीय संसाधन का इस्तेमाल करना चाहिए। नई शिक्षा नीति में मातृ भाषा की शक्ति को देखते हुए जेईई की परीक्षा को ही हिंदी माध्यम से कराए जाने पर निर्णय हुआ है। शिक्षा का मकसद सिर्फ नौकरी पाने का माध्यम नहीं समझना चाहिए। शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विवि द्वारा तमाम प्रयास किये जा रहे हैं। समस्याओं के समाधान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है।  आज महिलाएं इनकम जनरेट कर रही हैं। जब तक आंगनबाड़ी से लेकर विवि तक सेतु नहीं बनेगा, तब तक जो हम सोच रहे हैं वो नहीं हो सकेगा।

भारी हंगामे के चलते लोकसभा की बैठक शुक्रवार तक स्थगित

दीक्षा समारोह में आइआइटी कानपुर के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो एस.जी. धांडे बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।  समारोह में पद्मश्री प्रो एस.जी. धांडे को राज्यपाल द्वारा डीएससी की मानद उपाधि प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर समय निकाल कर स्कूल में पढ़ाएं। दोनों के बीच का गैप खत्म होगा। विद्यार्थी अपने दम पर नए कौशल को हासिल करना है। विद्यार्थी एकलव्य बनें। आज हमें डिजिटल एकलव्य की जरूरत है। इसके लिए हमारी अंतरात्मा में सीखने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। हर युवा में कोई न कोई भूख होती है। सीखने और कौशल हासिल करने की भूख से ही आगे बढ़ा जा सकता है। समाज इसमें युवाओं की मदद करें। आदमी तब सीखता है, जब व्यक्ति खुद सवाल करने लगता है। युवा- युवती जीवनशैली में अनुशासन को महत्व दें। विद्यार्थी इसे न भूले की अभ्यास मनुष्य को सम्पूर्ण बनाता है। मल्टीडीसिप्लिनरी की तरफ बढ़े। एथिक्स और वैल्यूज को हमेशा बनाए रखें। अन्यथा नुकसान हो सकता है।

कुलपति प्रो विनीत कंसल ने बताया कि समारोह में 53226 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जा रही है। साथ ही साथ 92 मेधावियों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्रदान किए जा रहे हैं। पहली बार परास्नातक पाठ्यक्रमों में पदक प्रदान करने की शुरुआत की गयी है। 92 पदकों में 01 चांसलर गोल्ड मैडल, 1 कमल रानी मेमोरियल पदक, स्नातक पाठ्यक्रमों में 16 स्वर्ण, 17 रजत, 18 कांस्य, परास्नातक पाठ्यक्रमों में 2 स्वर्ण, 2 रजत एवं 2 कांस्य पदक शामिल हैं। साथ ही गवर्मेंट संस्थानों 12 स्वर्ण, 7 रजत एवं 7 कांस्य एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों में 5 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य शामिल हैं।

समारोह में प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, कानपुर की छात्र राशि माथुर को चांसलर गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। साथ ही एसआर इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, लखनऊ की छात्रा सीलू गौतम को कमल रानी मेमोरियल पदक प्रदान दिया गया। समारोह में 91 शोधार्थियों को पीएचडी व एक डीएससी की डिग्री प्रदान की गई। डीएससी की डिग्री डॉ सौरभ गुप्ता, संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय भारत सरकार को प्रदान की गई। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा अमृत अभिजात एवं सचिव, प्राविधिक शिक्षा आलोक कुमार समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं।

Tags: anandiben pateldr abdul kalam universityEducation NewsLucknow News
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