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इस दिशा में विष्णु प्रिय अपराजिता लगाना होता है शुभ , आएगी सम्पन्नता

aparajita

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हिंदू धर्म में पेड़-पौधे और प्रकृति का बहुत महत्व बताया गया है. कई पेड़-पौधे घर में खुशियां और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं. जिनका हमारे जीवन पर गहरा असर होता है. इन्हीं पौधों में से एक है अपराजिता (Aparajita) की बेल. अपराजिता दो रंगों में पाई जाती है- एक सफेद और एक नीली. वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान विष्णु को नीले रंग की अपराजिता अत्यंत प्रिय है. इसे घर में लगाना शुभ और लाभकारी होता है. इंदौर के रहने वाले ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित कृष्ण कांत शर्मा हमें बता रहे हैं नीली अपराजिता लगाने की सही दिशा, उसके फायदे और सही दिन.

नीली अपराजिता (Aparajita) लगाने के फायदे

आर्थिक तंगी में फायदेमंद

वास्तुशास्त्र के अनुसार, जो व्यक्ति अपने घर में नीली अपराजिता की बेल लगाता है, उसके घर में धन संबंधी समस्या नहीं आती. इस बेल को धन की बेल भी कहा जाता है. इसे घर में लगाने से ये धन को अपनी तरफ आकर्षित करती है.

सकारात्मकता और समपन्नता बढ़ती है

वास्तुशास्त्र के अनुसार, नीली अपराजिता की बेल जैसे-जैसे बढ़ती है, वैसे-वैसे घर में संपन्नता और सकारात्मकता बढ़ती जाती है, इसलिए इसे लगाना शुभ होता है. इसकी तरक्की से मनुष्य की तरक्की को जोड़कर देखा जाता है.

इस तरह शनिदेव को प्रसन्न करें

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए और शनि की साढ़ेसाती में लाभ पाने के लिए शनिवार के दिन नीली अपराजिता शनि देव को अर्पित करना शुभ माना जाता है.

किस दिशा में लगाएं नीली अपराजिता

वास्तु शास्त्र के अनुसार नीली अपराजिता लगाने के लिए ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा सर्वोत्तम मानी गई है. इस दिशा में लगाने से आपको धन संबंधी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. आपके आय के स्त्रोत बढ़ेंगे.

किस दिन लगाएं नीली अपराजिता

नीली अपराजिता को विष्णु प्रिया भी कहा जाता है, इसलिए इसको लगाने का सबसे अच्छा दिन गुरुवार या शुक्रवार माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है. इसके अलावा शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित किया गया है. इस दिन नीली अपराजिता लगाने से इसके सकारात्मक प्रभाव घर पर दिखने लगते हैं.

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