लंदन। महारानी एलिजाबेथ ने अपने क्रिसमस संदेश के लिए इस बार ‘विविधता एवं आशा’ का विषय चुना। इस दौरान महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान मनाए गए दीपावली, ईद और वैशाखी जैसे बड़े त्यौहारों का जिक्र किया। हैं। इस वर्ष हम आम दिनों की तरह उनका जन्मदिवस नहीं मना सकते। किसी भी धर्म को मानने वाले लोग जिस तरह उत्साह से मिल-जुलकर त्योहार मनाते थे, उस तरह से इस वर्ष नहीं मना सके। महारानी ने अपने संदेश में कहा, ‘इसाइयों के लिए ईसा मसीह ‘विश्व का प्रकाश’ जैसे ईस्टर, ईद और वैशाखी।
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महारानी ने कोविड-19 के टीके के उपयोग को अनुमति दिए जाने के आलोक में इसे आधुनिक विज्ञान की तरक्की करार दिया। साथ ही महामारी के दौरान अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के प्रति उन्होंने संवेदना व्यक्त की। महारानी ने अपने संदेश में महामारी से निपटने में तैनात अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों की सराहना भी की। बता दें कि ब्रिटेन में 22 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और यह संक्रमण देश के 70 हजार से भी ज्यादा नागरिकों की जान ले चुका है।
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पिछले महीने विंडसर के आसपास दीपावली के दौरान हिंदुओं, सिखों और जैन समुदाय के लोगों ने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन कर पटाखे जलाए और आसमान को उम्मीद एवं एकता के प्रकाश से जगमग किया।’ बता दें कि 94 वर्षीय महारानी ने इस साल पिछले कई दशकों में पहली बार शाही परिवार के सदस्यों के एकत्र हुए बिना ही क्रिसमस का त्यौहार मनाया। उन्होंने अपने क्रिसमस संदेश में सहिष्णुता और आपसी सम्मान का आह्वान किया और देश में लोगों का जीवन बचाने के लिए किए गए विभिन्न वर्गों एवं धर्म के लोगों के योगदान को याद दिलाया।