लखनऊ। अनचाहे बच्चों का मौत या लावारिश होने से बचाने के लिए लखनऊ के एक अस्पताल ने एक सराहनीय पहल की है। शहर के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीन मेरी अस्पताल (Queen Mary Hospital) में अनचाहे बच्चों के लिए पालन शुरू किया गया है। इस पालने में कोई भी व्यक्ति शिशु को छोड़ सकता है। इस दौरान उसे रोका-टोका नहीं जाएगा और ना ही कोई पूछताछ की जाएगी। वहां बच्चा लाने वाले की कोई पहचान या बच्चा देने की कोई वजह नहीं पूछी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को इस पालने का शुभारंभ किया। यह पालना इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि शिशु के पालन-पोषण में दिक्कत है या दूसरी सामाजिक दुश्वारियों से बचने के लिए जिगर के टुकड़े को छोड़ना मजबूरी है तो उसे आश्रय पालन स्थल को दे सकते हैं। यहां उसकी उचित देखभाल करके समाज में जीने का हक प्रदान किया जाएगा।
उदयपुर के महेशाश्रम, मां भगवती विकास संस्थान के संस्थापक योग गुरु देवेंद्र अग्रवाल ने कहा कि अनचाहे शिशुओं को लेकर इधर-उधर छोड़कर चले आते हैं। गलत हाथों में शिशु के जाने से लोग उनसे थोड़ा बड़ा होने पर भिक्षा मंगवाते हैं। इस मौके पर प्रति-कुलपति डॉ. विनीत शर्मा, सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार और विभागाध्यक्ष प्रो. एसपी जैसवार अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।
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क्वीनमेरी (Queen Mary Hospital) की विभागाध्यक्ष डॉ. एसपी जैसवार ने कहा कि अस्पताल के मुख्य गेट के पास बने इस आश्रय पालन स्थल में सेंसर लगा है। इसमें जैसे ही शिशु लिटाया जाएगा पीआरओ के कमरे में सेंसर बजने लगेगा। पीआरओ शिशु को एनएनयू में भर्ती कराएंगे। डॉक्टर शिशु की सेहत का हाल लेंगे और जरूरी दस्तावेज तैयार कराएंगे। इस दौरान सुरक्षा गार्ड समेत दूसरे कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि शिशु को छोड़कर जाने वाले से कोई टोका-टाकी नहीं की जाएगी।