हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज डेवोन कोनवे ने पदार्पण टेस्ट के दौरान लार्ड्स के मैदान में दोहरा शतक जड़ा। इंग्लैंड के गेंदबाजों का अच्छे से सामना किया। क्या उन्होंने यह दिखाया कि इंग्लैंड की परिस्थितियों में एक बल्लेबाज को क्या करना चाहिए?
-मेरे ख्याल से अगर आप देखें तो न्यूजीलैंड की टीम कोनवे के दोहरे शतक के बावजूद बड़ा स्कोर नहीं बना पाई और 300 के आस-पास का स्कोर रहा। ऐसे में अगर आप धैर्य रखेंगे तो इंग्लैंड की पिचों पर उनके गेंदबाजों का सामना कर सकते हैं। मेरे विचार से वहां सफलता की कुंजी धैर्य ही है। अगर हम अपनी मजबूती के साथ शॉट खेलते हैं और धैर्य रखते हैं तो बड़ा स्कोर कर सकते हैं। भारत के बल्लेबाज जैसे कि चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे यह सभी इंग्लैंड में पहले भी खेल चुके हैं। ये वहां दो बार सीरीज खेल चुके हैं। ऐसे में उन्हें वहां के बारे में दूसरी टीम और कंडीशन के बारे में पता होता है। मुझे लगता है कि वहां अच्छा विकेट मिलेगा और ऐसे में वहां बल्लेबाजी करना आसान होगा।
रिषभ पंत काफी निडर होकर टेस्ट क्रिकेट में खेलते हैं। आप भी टेस्ट क्रिकेट में निडर होकर बल्लेबाजी करते थे। पंत ने पिछले इंग्लैंड दौरे पर शतक भी जमाया था। उनमें कितना बदलाव दिख रहा है?
-मुझे लगता है कि पंत को खुद की सुननी चाहिए। उन्हें ज्यादा किसी की सलाह नहीं सुननी चाहिए। वह हमेशा से टेस्ट क्रिकेट में शानदार बल्लेबाजी करते आ रहे हैं, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में भी शतक मारे हैं। इसलिए उन्हें प्राकृतिक शॉट खेलने चाहिए। वह जिस नंबर पर बल्लेबाजी करने आते हैं वहां से मैच का पासा पलट सकते हैं। वह एक मैच विनर खिलाड़ी है, बस थोड़ा सा उन्हें शॉट के चयन पर ध्यान देना होगा तो शायद सफल रहेंगे।
-न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिए भारतीय बल्लेबाजी को कैसे देखते हैं? पुजारा की धीमी बल्लेबाजी के बारे में क्या कहेंगे?
-मेरे ख्याल से चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी अहम रहेगी, उनके अंदर काफी धैर्य है। टेस्ट क्रिकेट वही है कि आप कितना सामने वाली टीम को थका सकते हो। इसमें रन रेट को नहीं देखना चाहिए। पुजारा बहुत महत्वपूर्ण हैं और वह यही करते हैं। जिस तरह से जब मैं राहुल द्रविड़ के साथ खेलता था तो वह गेंदबाजों को काफी थका देते थे। जिससे शाम के समय रन बनाना आसन हो जाता था। हम लोग रन बना देते थे बाद में। टेस्ट क्रिकेट पांच दिन का खेल है ऐसे में सामने वाली टीम को थकाना महत्वपूर्ण है। बाकी हर एक बल्लेबाज और खिलाड़ी में काबिलियत है कि वह कहीं भी टीम को मैच जिता सकते हैं।
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-विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के लिए रिजर्व डे पर आपकी क्या राय है?
-यह बहुत अच्छी चीज है कि मैच में एक दिन रिजर्व रखा गया है क्योंकि कोई भी टीम ड्रा खेलने के लिए मैदान में नहीं उतरती है। इस लिहाज से अगर पांच दिनों के दौरान बारिश आती है या कुछ और होता है तो रिजल्ट के लिए आइसीसी ने रिजर्व के रूप में छठा दिन रखा है। इससे नतीजा मिलने के मौके ज्यादा हैं। दोनों ही टीम जीत के लिए जाएंगी।
हाल ही में आपने आनलाइन क्रिकेट सिखाने वाले क्रिककुरु एप को लांच किया। इसका विचार कैसे आया? क्या कोरोना इसकी वजह है?
-मेरे अंदर यह विचार 2003 में आया था तब कोरोना नहीं था। हां, कोरोना के कारण मुझे लोगों से मिलने के लिए समय मिल गया और इस एप को जल्द से जल्द लांच कर सके। कोरोना ने हम लोगों को घर में बैठकर पढ़ाई करना, काम करना और कई सारे आनलाइन कोर्स करना सिखाया। जब यह सब कर सकते हो तो फिर क्रिकेट भी एप के माध्यम से सीख सकते हैं। इस एप में यह पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय खिलाडि़यों ने कैसे अभ्यास किया है। उनकी मानसिकता क्या होती है। बल्लेबाजी करते हुए अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं।