कुतुब मीनार देश की राजधानी दिल्ली के दक्षिण भाग में स्थित एक खूबसूरत इमारत है। इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। ईंट से बनी ये इमारत दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है। कुतुब मीनार यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शुमार है और इसके आसपास भी कई ऐतिहासिक और भव्य इमारतें हैं। ऐसा माना जाता है कि मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर इस जगह का नाम कुतुब मीनार पड़ा। आइए, आज जानते हैं कुतुब मीनार से जुड़ी खास बातें….
कुतुब मीनार विश्व की सबसे ऊंची इमारत है, इसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है। जमीन पर इस इमारत का व्यास 14.32 मीटर है, जो शिखर तक पहुंचने पर 2.75 मीटर रह जाता है। कुतुब मीनार में 379 सीढ़ियां हैं, जो मीनार के शिखर तक पहुंचती हैं।
कुतुब मीनार के आसपास कई ऐतिहासिक इमारतें हैं या यूं कहें कि ये कई बड़ी-बड़ी ऐतिहासिक इमारतों से घिरा हुआ है। इसके आसपास स्थित ऐतिहासिक इमारतें हैं…
- दिल्ली का लौह स्तंभ
- कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद
- अलाई दरवाजा
- इल्तुतमिश की कब्र
- अलाई मीनार
- अलाउद्दीन का मदरसा और कब्र
- इमाम जमीन की कब्र
- सेंडरसन का सन डायल
बिजली गिरने की वजह से कुतुब मीनार का ऊपरी हिस्सा नष्ट हो गया था। फिरोजशाह तुगलक द्वारा इसके ऊपरी हिस्से का फिर से निर्माण करवाया गया था। पहले के फ्लोर बाद के समय के फ्लोर्स से काफी अलग हैं।
पहले कुतुब मीनार के अंदर प्रवेश में किसी भी तरह की कोई मनाई नहीं थी, परंतु 4 दिसंबर 1981 को यहां पर एक भयानक हादसा हो गया था, जिसमें 45 लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद कुतुब मीनार के अंदर प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई।