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कब है राधा अष्टमी, जानें डेट, पूजा-विधि व महत्व

Writer D by Writer D
02/09/2024
in धर्म, फैशन/शैली
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Radha Ashtami

Radha Ashtami

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हर साल भाद्रपद महीने में राधा अष्टमी (Radha Ashtami ) मनाई जाती है। जन्माष्टमी की तरह ही राधाष्टमी भी बड़े धूम-धाम से मनायी जाती है। इस साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी मनाई जाएगी। कई भक्त जन इस दिन उपवास भी करते हैं। यह दिन राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, श्री कृष्ण के जन्म के 15 दिन बाद राधा जी का जन्म हुआ था। आइए जानते हैं राधा अष्टमी की डेट, महत्व, मंत्र व पूजन-विधि

कब है राधा अष्टमी (Radha Ashtami ) ?

अष्टमी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 10, 2024 को 11:11 पी एम बजे

अष्टमी तिथि समाप्त – सितम्बर 11, 2024 को 11:46 पी एम बजे

मध्याह्न समय – 11:03 ए एम से 01:32 पी एम

अवधि – 02 घण्टे 29 मिनट्स

दृक पंचांग के अनुसार, सितम्बर 10, के दिन दोपहर 11:11 बजे से अष्टमी तिथि लग रही है, जिसका समापन सितम्बर 11, के दिन 11:46 पी एम बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, राधा अष्टमी का व्रत 11 सितंबर को रखा जाएगा।

मंत्र- ॐ ह्नीं श्री राधिकायै नमः

राधा अष्टमी (Radha Ashtami ) पूजन-विधि

– पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें

– भगवान श्री कृष्ण और राधा जी का जलाभिषेक करें

– माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें

– अब राधा जी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें

– मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें

– संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें

– व्रत कथा का पाठ करें

– श्री राधा चालीसा का पाठ करें

– पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की आरती करें

– माता को खीर का भोग लगाएं

– अंत में क्षमा प्रार्थना करें

राधा अष्टमी (Radha Ashtami )  का महत्व

इस दिन विवाहित महिलाएं संतान सुख और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जो लोग राधा रानी जी को प्रसन्न कर लेते हैं, उनसे भगवान श्री कृष्ण अपने आप प्रसन्न हो जाते हैं। कहा जाता है कि व्रत करने से घर में मां लक्ष्मी आती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। राधा रानी के बिना भगवान श्री कृष्ण की पूजा भी अधूरी मानी जाती है।

Tags: radha ashtamiRadha Ashtami dateRadha Ashtami importanceRadha Ashtami muhuratRadha Ashtami pujaRadha Ashtami vrat
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