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कब है राधाष्टमी, जानें मुहूर्त, पूजा विधि और आरती

Radha Ashtami

Radha Ashtami

कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था और इसी तिथि की शुक्ल पक्ष में राधारानी का जन्म हुआ था। राधाष्टमी (Radha Ashtami)  का पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद मनाया जाता है। हर वर्ष राधाष्टमी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। राधाष्टमी (Radha Ashtami)  का पर्व बरसाने, मथुरा, वृंदावन समेत पूरे ब्रज में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन ब्रजवासी व्रत रखते हैं और राधारानी की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि अगर भगवान कृष्ण का पाना है तो उनके राधा नाम जप करने से पाया जाता है। आइए जानते हैं कब है राधाष्टमी, महत्व, पूजा विधि….

राधा अष्टमी (Radha Ashtami) का महत्व

राधा अष्टमी (Radha Ashtami)  तिथि का व्रत करने और विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर भगवान कृष्ण और राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आयु, धन, सम्मान, यश और सौभाग्य में वृद्धि होती है। जो लोग कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं, उनको राधाष्टमी का भी व्रत करना चाहिए। इस दिन व्रत और पूजन करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि के योग बनते हैं। राधा अष्टमी के दिन राधा रानी और कृष्णजी की पूजा की जाती है। पौराणिक शास्त्रों में राधारानी का महालक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। इस दिन लक्ष्मी पूजन करने का भी विधान है। राधारानी को भगवती शक्ति माना गया है और पूरे ब्रज क्षेत्र की वह अधिष्ठात्री देवी हैं।

राधा अष्टमी (Radha Ashtami) पूजा मुहूर्त

अष्टमी तिथि का प्रारंभ – 22 सितंबर, दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से
अष्टमी तिथि का समापन- 23 सितंबर, दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक
राधा अष्टमी पर्व 23 सितंबर 2023 दिन शनिवार
उदया तिथि को मानते हुए राधा अष्टमी का पर्व 23 सितंबर दिन शनिवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

राधा अष्टमी पूजा मुहूर्त – 23 सितंबर, सुबह 11 बजकर 1 मिनट से दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक

राधा अष्टमी (Radha Ashtami) पर तीन शुभ योग

राधा अष्टमी (Radha Ashtami) के दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। इस मुहूर्त में पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। राधा अष्टमी तिथि पर पूरे दिन रवि योग रहेगा। शोमन योग रात साढ़े 9 बजे से अगले दिन तक रहेगा। वहीं सौभाग्य योग 22 सितंबर को रात के 11 बजकर 52 मिनट से 23 सितंबर – रात के 9 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।

राधा अष्टमी (Radha Ashtami) पूजा विधि

भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद राधारानी की पूजा की तैयारी करें। इसके बाद मंडल बनाकर कलश स्थापित करें और तांबे के पात्र में राधारानी की प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा का पंचामृत से स्नान करवाकर वस्त्राभूषण से सुसज्जित करें। इसके बाद भोग, फल, फलू, श्रृंगार का सामान आदि षोडशोपचार विधि से पूजा अर्चना करें। राधा अष्टमी की पूजा दोपहर के समय की जाती है, इस बात का ध्यान रखें। इसके बाद राधाजी के मंत्रों का जप करें और फिर आरती उतारकर सभी में प्रसाद वितरण करें।

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