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नकली विमान वाहक पोत पर हेलीकॉप्टर के जरिए हमला एक मॉक ड्रिल था : ईरान

बाल-बाल बचा राफेल

बाल-बाल बचा राफेल

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए राफेल लड़ाकू विमान बुधवार को भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन गए। फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस से राफेल फाइटर विमानों का पहला बैच 7 हजार किमी की दूरी तय कर 29 जुलाई को भारत पहुंचा,लेकिन रास्ते में संयुक्त अरब अमीरात की जिस अल धाफरा एयरबेस पर फ्रांस से भारत आ रहे 5 राफेल विमान रात को रुके थे। उसके नजदीक ईरान का मिसाइल हमला हुआ है। यूएई के अल धाफरा एयरबेस से फ्रांस की सेनाएं ऑपरेशन करती हैं।

अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार कम से कम तीन मिसाइल अल धाफरा एयरबेस के नजदीक आकर गिरीं

अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार कम से कम तीन मिसाइल अल धाफरा एयरबेस के नजदीक आकर गिरीं। इसके बाद अल-धाफरा एयरपोर्ट को हाई अलर्ट पर कर दिया गया। ईरान के रिव्यूलेशनरी गार्ड्स ने इस इलाके में मॉक मिलिट्री एक्सरसाइज की है। बता दें कि फ्रांस से भारत आ रहे पांच राफेल लड़ाकू विमान मंगलवार रात को अल धाफरा एयरबेस पर ठहरे थे।

मॉक ड्रिल से सनसनी

सूत्रों के मुताबिक ईरानी गार्ड्स ने 28 जुलाई को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होरमुज जलडमरूमध्य में एक नकली विमान वाहक पोत पर हेलीकॉप्टर के जरिए मिसाइल से हमला किया था। दरअसल यह एक मॉक ड्रिल थी। ईरान और अमेरिका के बीच बढ़े तनाव के बीच ईरानी रिव्यूलेशनरी गार्ड्स ने अमेरिका को संदेश देने के लिहाज से इन मिसाइलों को छोड़ा था। ईरान के सरकारी टीवी ने कहा है कि ईरानी कमांडों ग्रेट प्रोफेट-14 नाम के युद्धाभ्यास के दौरान हेलिकॉप्टर से हमला करते नजर आए।

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ईरान से जारी एक तस्वीर में ईरानी गार्ड्स हेलिकॉप्टर से एक प्रतिकृति पर एक मिसाइल को दागते नजर आए

ईरान से जारी एक तस्वीर में ईरानी गार्ड्स हेलिकॉप्टर से एक प्रतिकृति पर एक मिसाइल को दागते नजर आए। ये प्रतिकृति अमेरिकी युद्धपोत निमित्ज जैसी दिखती है। बता दें कि होरमुज जलडमरूमध्य और अल धाफरा एयरबेस दोनों दो किनारे पर बसे हुए हैं और इनके बीच की दूरी मात्र 320 किलोमीटर है।

अमेरिकी नौसेना का निमित्ज युद्धपोत

अमेरिकी नौसेना का निमित्ज युद्धपोत होरमुज जलडमरूमध्य से फारस की खाड़ी के बीच पेट्रोलिंग करता रहता है। ईरान इस पेट्रोलिंग पर आपत्ति जताता है। यूएसएस निमित्ज कैटेगरी का यह पोत पिछले सप्ताह ही हिंद महासागर से मध्य-पूर्व के समुद्री क्षेत्र में आया है।

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