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आपदाओं से यूपी के लोगों को जागरूक करेगी ‘राहत चौपाल’

Rahat Chaupal

Rahat Chaupal

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में अत्यधिक वर्षा और नदियों की स्थिति के चलते बाढ़ की आशंका को देखते हुए योगी सरकार ने अभी से कमर कस ली है। सीएम योगी के निर्देश पर जनपदों के संवेदनशील गांवों में बाढ़ प्रबंधन एवं राहत व बचाव के लिए राहत चौपाल (Rahat Chaupal) आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। राहत चौपाल का उद्देश्य बाढ़ जैसी आपदा के समय होने वाले नुकसान को कम करना या रोकना है। साथ ही भविष्य में होने वाली आपदाओं के प्रति लोगों को सचेत करना भी है।

विभिन्न विभाग करेंगे प्रतिभाग

राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि गत दिनों से प्रदेश के कुछ जनपदों में अत्यधिक वर्षा हो रही है। प्रदेश में हो रही वर्षा को देखते हुए जनपदों में बाढ़ प्रबंधन एवं राहत व बचाव कार्यों के संबंध में आवश्यक कार्रवाई किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनपद के समस्त बाढ़ संवेदनशील ग्रामों में राहत चौपाल (Rahat Chaupal) आयोजित किया जाना है।

इन चौपालों (Rahat Chaupal) में जन समुदाय के लोगों व ग्राम प्रधान के साथ-साथ राजस्व, सिंचाई, पुलिस, स्वास्थ्य, पशुपालन, पंचायती राज, बाल विकास एवं पुष्टाहार, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, कृषि, ग्राम विकास, खाद्य एवं रसद विभाग एवं उर्जा विभाग आदि अन्य विभागों के क्षेत्रीय ग्राम स्तरीय कर्मचारी एवं प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।

लोगों को किया जाएगा सचेत

राहत आयुक्त ने बताया कि राहत चौपाल (Rahat Chaupal) का मुख्य उद्देश्य मुख्यतः आपदाओं से होने वाली हानियों को रोकना/कम करना तथा ग्रामीण स्तर तक आम जनमानस को संभावित बाढ़ के दुष्प्रभाव से बचाना है। इसके साथ ही भविष्य में घटित होने वाली आपदाओं के प्रति जागरूक कर लोगों को सचेत करना भी है।

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राहत आयुक्त ने निर्देश दिए कि जनपद में आयोजित ग्राम स्तरीय राहत चौपालों (Rahat Chaupal) में जिलाधिकारी द्वारा कम से कम पांच राहत चौपाल, अपर जिलाधिकारी द्वारा कम से कम 10 राहत चौपाल, उप जिलाधिकारी द्वारा कम से कम 15 राहत चौपाल, तहसीलदार द्वारा कम से कम 20 राहत चौपाल में व्यक्तिगत रूप से प्रतिभाग किया जाए। उन्होंने नायब तहसीलदार एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उनके क्षेत्र के सभी राहत चौपालों में प्रतिभाग करने के भी निर्देश दिए।

ग्रामवासियों से रेस्क्यू टीम का कराया जाएगा परिचय

राहत आयुक्त ने कहा कि संभावित बाढ़ को देखते हुए संवेदनशील गांव के प्रत्येक मजरे में राहत चौपाल (Rahat Chaupal) प्राथमिकता के आधार पर आयोजित की जाए तथा चौपाल में ग्रामवासियों से उपस्थित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को विशेष रूप से राजस्व कर्मी जो आपदा राहत हेतु सीधे तौर पर उत्तरदायी होते हैं, जैसे – स्थानीय लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार आदि का परिचय ग्राम वासियों से कराया जाए।

इससे ग्रामवासियों को यह जानकारी रहेगी कि किसी भी आपदा के समय उन्हें किससे संपर्क करना है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के प्रतिनिधि विभाग द्वारा कराए जा रहे बाढ़ रोधी कार्यों के संबंध में उपस्थित जनसमुदाय को बताएं, साथ ही प्रबंधों की सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्थाएं की गई हैं, यह भी सूचित किया जाए।

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