राहु-केतु (Rahu-Ketu) को ज्योतिष में भले ही छाया ग्रह की संज्ञा दी गई है, लेकिन जब इन दोनों ग्रहों का अशुभ प्रभाव किसी जातक की कुंडली पर पड़ता है तो वह तमाम तरह की कठिनाइयोंं से घिर जाता है. उसके जीवन पर सकंट का छाया मंडराने लगता है. करियर में असफलता, बीमारी, आर्थिक समस्या और मानसिक तनाव जैसी कई तरह की दिक्कतों का सामना कुंडली में राहु-केतु दोष से कारण करना पड़ता है. आप राहु-केतु के अशुभ लक्षण को पहचान कर इससे जुड़े उपाय कर सकते हैं. इन उपायों से राहु-केतु का अशुभ प्रभाव कम होता है और शुभ फलों में वृद्धि होती है. ज्योतिष में इन उपायों को बेहद आसान और चमत्कारी भी बताया गया है. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं राहु-केतु दोष के निवारण के उपायों के बारे में.
इन लक्षणों से पहचानें राहु-केतु दोष (Rahu-Ketu Dosh)
राहु दोष (Rahu) होने पर होती हैं ये समस्याएं
राहु-केतु के अशुभ प्रभाव और दोष उत्पन्न होने से शरीर में कुछ गंभीर समस्याओं के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. इन्हें पहचानकर आप राहु-केतु के उपाय कर सकते हैं. इसके साथ ही आप इन लक्षणों के बाद किसी ज्योतिषाचार्य से अपनी कुंडली भी दिखा सकते हैं. इसके बाद आप ज्योतिष उपाय कर सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि राहु के अशुभ होने पर व्यक्ति को मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, चीजों का बार-बार खोना, गुस्से पर काबू न होना, मरे हुए सांप, छिपकली और पक्षी देखना, नाखूनों का कमजोर होकर टूटना, पारिवारिक मतभेद और कोर्ट-कचहरी जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं.
केतु (Ketu) दोष होने पर होती हैं ये समस्याएं
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि किसी जातक की कुंडली में केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव होता है तो उसे कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सिर के बाल झड़ना, जोड़ों में दर्द, चर्म रोग, रीढ़ की हड्डी की समस्या, नसों में कमजोरी जैसी कई बीमारियों की आशंकाएं बढ़ जाती हैं और इससे जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं.
राहु-केतु (Rahu-Ketu) दोष को दूर करने के उपाय
>> मां भगवती की पूजा करने से राहु-केतु के दोष दूर होते हैं क्योंकि देवी दुर्गा को छाया रूपेण कहा जाता है और राहु-केतु भी छाया ग्रह है. मां दुर्गा की पूजा से राहु-केतु ग्रह के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं.
>> घर में शेषनाग के ऊपर नाचते हुए श्रीकृष्ण की तस्वीर रखें और नियमित पूजा करें. पूजा के दौरान ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे भी राहु-केतु दोष का प्रभाव कम होता है.
>> राहु-केतु से संबंधित बीज मंत्रों का जाप करने से भी दोष दूर होते हैं.
>> किसी गरीब कन्या का विवाह कराने या विवाह में सहयोग करने से भी राहु-केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.
>> रविवार के दिन कन्याओं को दही और हलवा खिलाने से केतु दोष दूर होता है.
>> यदि आपकी कुंडली में केतु दोष है तो अपने पास सदैव हरे रंग का रुमाल रखें.
>> राहु का रत्न गोमेद होता है. राहु दोष होने पर शनिवार के दिन ज्योतिष सलाह से इस रत्न को धारण करना चाहिए.