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सफ़र अमानवीय… कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? राहुल गांधी ने रेलवे से पूछा सवाल

Rahul Gandhi

Rahul Gandhi

केंद्र सरकार ने बिहार में विधानसभा चुनावों और महापर्व छठ से पहले 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाने का ऐलान किया था। दावा किया गया था कि किसी को भी घर लौटने में परेशानी नहीं होगी। लेकिन हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है — ट्रेनों में पैर रखने की भी जगह नहीं बची, और कई स्टेशनों पर यात्रियों की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं। इस अव्यवस्था को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। लालू यादव के बाद अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी रेलवे की तैयारी पर सवाल उठाए हैं।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि त्योहारों का महीना है, दिवाली, भाई दूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ़ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है। मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन है, लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है।

आगे लिखा कि बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफ़र अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200% तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाज़ों और छतों तक लटके हैं।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं। क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं? अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हज़ारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता।

राहुल (Rahul Gandhi) ने लिखा कि ये सिर्फ़ मजबूर यात्री नहीं, NDA की धोखेबाज़ नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत हैं। यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।

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