नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी ने विपरीत परिस्थितियों में पार्टी को एकजुट रखा है। गहलोत ने कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर लिखे गए पत्र की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि जहां लड़ाई लोकतंत्र के लोकाचार को बचाने की है, उन्होंने हमेशा चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन अगर उन्होंने अपना मन बना लिया है। तो मेरा मानना है कि राहुल गांधी को आगे आना चाहिए और कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहिए।
Where the fight is to save ethos of democracy, she has always taken challenges head-on. But if she has made up her mind-I believe Rahul Gandhi should come ahead & be the Congress President: Rajasthan CM Ashok Gehlot https://t.co/jw97unTGeE
— ANI (@ANI) August 23, 2020
बता दें कि कुछ पूर्व मंत्रियों समेत दो दर्जन कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से संगठन में बड़े बदलाव की मांग करते हुए पत्र लिखा है। वहीं राहुल के करीबी कुछ नेताओं ने सीडब्ल्यूसी को पार्टी प्रमुख के रूप में उनकी वापसी के लिए पत्र लिखा है। समझा जाता है कि पूर्व मंत्रियों और कुछ सांसदों ने कुछ सप्ताह पहले यह पत्र लिखा, जिसके बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक के हंगामेदार रहने के आसार हैं। बैठक में असंतुष्ट नेताओं द्वारा उठाये गये मुद्दों पर चर्चा और बहस होने की संभावना है।
इन नेताओं ने शक्ति के विकेंद्रीकरण, प्रदेश इकाइयों के सशक्तिकरण और केंद्रीय संसदीय बोर्ड के गठन जैसे सुधार लाकर संगठन में बड़ा बदलाव करने का आह्वान किया है। वैसे, केंद्रीय संसदीय बोर्ड 1970 के दशक तक कांग्रेस में था, लेकिन उसे बाद में खत्म कर दिया गया। इस पत्र में सामूहिक रूप से निर्णय लेने पर बल दिया गया है और उस प्रक्रिया में गांधी परिवार को ‘अभिन्न हिस्सा बनाने की दरख्वास्त की गई है।
कांग्रेस में सामूहिक नेतृत्व की दलीले पेश करने वाले वर्ग का विरोध भी शुरू हो गया है। पार्टी के सांसद मणिकम टैगोर ने राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी की मांग की है।