मथुरा जनपद में आगरा के संयुक्त आयुक्त (औषधि) के निर्देश पर, कई जिलों के औषधि निरीक्षकों ने मंगलवार देर शाम पुलिस के सहयोग से दो परिवहन गोदामों पर छापे मारे और कोडीन फॉस्फेट दवा की बड़ी खेप बरामद की। यह दवा सूखी खांसी तथा डायरिया के रोगियों को दी जाती है और इससे नशे का प्रभाव होता है।
इस मामले के संबंध में, किराए पर गोदाम लेकर परिवहन एजेंसी चलाने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने औषधि निरीक्षकों नरेश मोहन दीपक (आगरा), सुनील कुमार (फिरोजाबाद), रमेश यादव (कासगंज) और हेमेंद्र चैधरी की तहरीर पर स्वापक औषधि निवारण अधिनियम (एनडीपीएस) की धारा 8ा21ा29 के तहत मामला दर्ज कर अन्य अभियुक्तों की तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस उपाधीक्षक (शहर) वरुण कुमार सिंह ने बताया कि गोविंद नगर थाना क्षेत्र के सरस्वती कुण्ड इलाके में स्थित अजय फ्रेट कैरियर ट्रांसपोर्ट कंपनी पर मंगलवार की शाम छापा मारकर गोदाम से कोडीन फॉस्फेट दवा के 450 कार्टन बरामद किए गए जिनकी कीमत 80 लाख रुपए आंकी गई है। उन्होंने कहा कि इसमें अल्कोहल की मात्रा होने के कारण नशे के लती लोगों को यह दवा वास्तविक कीमत से कहीं अधिक दाम पर बेची जाती है।
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उन्होंने बताया कि गोदाम पर छापे के दौरान कई मजदूर कॉटन खोलकर दवाओं को बोर में पैक करते दिखे। उनमें से कई भाग गए। लेकिन गोदाम संचालक अजय फ्रेट कैरियर ट्रांसपोर्ट के मालिक अजय मेहरा को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगरा मण्डल के सहायक आयुक्त (औषधि) अखिलेश जैन ने मीडिया को बताया कि छापे के दौरान मौके से बिल प्राप्त हुए जिनके अनुसार यह दवाएं सहारनपुर से वाराणसी एवं गोरखपुर भेजी जानी थी। उन्होंने कहा कि यह दवाएं मथुरा में कैसे पहुंची और इनका निस्तारण किस प्रकार किया जा रहा था, यह जांच पूरी होने पर पता चलेगा।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सारी दवाएं कार्टन से निकाल कर बोर में भरी जा रही थीं, उससे ऐसा लगता है कि इन्हें कहीं और भेजे जाने की तैयारी थी। जैन ने कहा कि इससे पूर्व पता लगा है कि आरोपी 169 रुपए कीमत की इस दवा को नशीले पदार्थ के रूप में कालाबाजारी कर 500 रुपए तक में बेचते हैं। उन्होंने कहा कि अभी मामले की जांच जारी है।