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IAS राम विलास यादव पर कसा शिकंजा, यूपी-उत्तराखंड के ठिकानों पर एक साथ रेड

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लखनऊ। उत्तराखंड में वर्तमान ग्राम विकास विभाग में सचिव पद पर तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. राम विलास यादव ( IAS Ram Vilas Yadav) के उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित आवास पर विजिलेंस ने छापा मारा है।

विजिलेंस टीम ने शनिवार सुबह लखनऊ के अलावा गाजीपुर और गाजियाबाद सहित कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। लखनऊ-सीतापुर रोड के पुरनिया स्थित दिलकश विहार रानी कोठी, गुड़म्बा, कुर्सी रोड स्थित जनता विद्यालय में विजिलेंस उत्तराखंड की छापेमारी की कार्रवाई जारी है।

सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के बेहद करीबी माने जाने वाले आईएएस अधिकारी राम विलास यादव ( IAS Ram Vilas Yadav) वर्ष 2019 में उत्तराखंड आये थे। इससे पहले वे लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव और एडिशनल डायरेक्टर मंडी परिषद रह चुके हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा की शिकायत पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस उत्तराखंड ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया लेकिन उन्होंने कोई सहयोग नहीं किया। इसके बाद विजिलेंस ने कार्रवाई को और तेज कर दिया।

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बता दें कि आईएएस रामविलास यादव ( IAS Ram Vilas Yadav) पूर्व में उत्तर प्रदेश सरकार में नियुक्ति के वक्त, सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण और यूपी के एडिशनल डायरेक्टर मंडी परिषद के पद पर भी रह चुके हैं। इस वक्त वे उत्तराखण्ड सरकार में ग्राम विकास विभाग सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उनके खिलाफ इस छापेमारी का काम हेमंत कुमार मिश्रा की शिकायत के आधार पर विजलेंस उत्तराखंड द्वारा की गई जांच के बाद किया गया है।

कहा जाता है कि यूपी में तैनाती के दौरान वे तत्कालीन राज्य हुकूमत के करीबी और चहेते भी रहे थे। हालांकि यह सब सुनी-सुनाई बातें हैं। ऐस तरह की बातों की अमूमन पुष्टि होती भी नहीं है। खबर लिखे जाने के दौरान ही अभी-अभी पता यह भी चला है कि, आईएएस रामविलास यादव के पुरनिया स्थित दिलकश विहार रानी कोठी सीतापुर रोड लखनऊ, गुडम्बा, कुर्सी रोड स्थित जनता विद्यालय में भी उत्तराखंड विजिलेंस ने छापे मारे हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश के दिल्ली से सटे गाजियाबाद, उसके बाद यूपी के गाजीपुर में भी एक साथ छापे मारकर जांच की जा रही है।

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