नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों की ओर से आज गुरुवार को देशव्यापी रेल रोको अभियान चलाया गया। देश के कई हिस्सों में किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रेल ट्रैक पर कब्जा जमाया और ट्रेनों के परिचालन को बाधित किया। हालांकि रेल प्रशासन का कहना है कि यह आंदोलन बिना किसी अप्रिय घटना के खत्म हो गया।
किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने पिछले हफ्ते ऐलान किया था कि 18 फरवरी (गुरुवार) को देशभर में दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक 4 घंटे के लिए रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।
रेल रोकना कितना उचित, इस बावत सोचना जरूरी
4 घंटे के रेल रोको अभियान के तहत कहीं से भी किसी तरह की हिंसा या अप्रिय खबर नहीं आई। भारतीय रेलवे की ओर से कहा गया कि ‘रेल रोको’ अभियान बिना किसी अप्रिय घटना के गुजर गया। देशभर में इस अभियान की वजह से ट्रेनों के चलने पर खास असर नहीं पड़ा। अब सभी जोनों में ट्रेन की आवाजाही सामान्य हो गई है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में ट्रेनों को रोका गया, लेकिन अब ट्रेन संचालन सामान्य हो गई है।
रेलवे ने कहा कि ज्यादातर रेल जोन की ओर से ट्रेनों को रोके जाने को लेकर किसी तरह की सूचना नहीं दी गई है। कुछ रेल जोनों के कुछ जगहों पर ट्रेनों को रोक दिया गया, लेकिन अब परिचालन सामान्य हो गया और ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है। इस बीच प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने टिकरी बॉर्डर, पंडित श्री राम शर्मा, बहादुरगढ़, ब्रिगेडियर होशियार सिंह मेट्रो स्टेशन के एंट्री-एग्जिट गेट को बंद कर दिया था, जिसे 4 बजे के बाद फिर से खोल दिया गया।
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किसानों के रेल रोको अभियान को लेकर दिल्ली, यूपी और हरियाणा में कड़ी सुरक्षा की गई थी। दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और बिहार समेत कई जगहों पर रेलवे ट्रैक पर लोगों ने प्रदर्शन किया। हरियाणा में रेल रोको अभियान का व्यापक असर दिखा।
अंबाला, हापुड़, मोदीनगर में बड़ी संख्या में किसान ट्रैक पर बैठे तो ओडिशा के पुरी से हरिद्वार तक जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया क्योंकि किसानों ने मोदीनगर रेलवे स्टेशन पर रेल ट्रैक को अवरुद्ध कर रखा था।