नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने यात्रा को अधिक सुगम और आरामदायक बनाने के लिए वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों का निर्माण अब एक नहीं बल्कि तीन रेल इकाइयों में किया जाएगा और अगले तीन वर्षों में ये ट्रेनें रेल नेटवर्क में आ जाएंगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि ट्रेनों को एक साथ तीन रेल इकाइयों- रेलवे कोच फैक्ट्री, कपूरथला, मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई में बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले फैसला लिया गया था कि रेलवे की तीन विनिर्माण इकाइयां इन ट्रेनों का निर्माण करेंगी। जिससे कम समय में निर्माण कार्य पूरा किया जा सके। 44 वंदे भारत ट्रेनें अगले तीन वर्षों में चलनी शुरू हो जाएंगी।
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बता दें कि पिछले साल ही वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी। फिलहाल इस सेवा के तहत दिल्ली से कटरा के बीच ट्रेन चलाई जा रही है। भारतीय रेल पूरे भारत में वंदे भारत ट्रेनें चलाना चाहता है। रेलवे अधिकारी के मुताबिक एक बार निविदा को अंतिम रूप देने के बाद निश्चित समयावधि बताई जाएगी। हालांकि, अगले 3 साल में 44 वंदे भारत ट्रेनें चलने की उम्मीद है।
बता दें कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने 14 जुलाई को अपने पत्र में मैकेनिकल इंजीनियरिंग (प्रोडक्शन यूनिट) के निदेशक से कहा है कि व्यावसायिक सेवाओं के रैक बनाने के लिए रेल सेटों के प्रोटोटाइप बनाने में कम से कम 28 महीने का समय लगेगा। आईसीएफ की ओर से ये भी दावा किया गया कि ट्रेन सेट के प्रोटोटाइप बनाने के बाद परीक्षण करने में 6 महीने और लगेंगे। इसके बाद वंदे भारत रैक का उत्पादन शुरू होगा।
वंदे भारत ट्रेनों में मिलती हैं ये सुविधाएं
वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों को हाईस्पीड वाई-फाई, जीपीएस आधारित पैसेंजर इंफोर्मेशन सिस्टम, एलईडी लाइट्स, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स और क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम जैसी सुविधाएं मिलेंगी।