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प्राइवेट ट्रेन चलाने को रेलवे की कोशिश हुई तेज, 23 कंपनियों ने लिया हिस्सा

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प्राइवेट ट्रेन

नई दिल्ली| भारत में प्राइवेट ट्रेनों को चलाने के लिए कवायद तेज हो गई है। देश में प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए भारतीय रेलवे ने बुधवार को दूसरी प्री-अप्लीकेशन कॉन्फ्रेंस की, जिसमें 23 कंपनियों ने हिस्सा लिया। प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन में बॉम्बार्डियर, एल्सटॉम, सीमेंस और जीएमआर सहित 23 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई। भारतीय रेलवे ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

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रेलवे ने कहा कि इन कंपनियों ने आवेदन प्रक्रिया से पूर्व बुधवार को इस संबंध में हुई एक बैठक में हिस्सा लिया। 12 कलस्टरों में प्राइवेट ट्रेनों को चलाने को लेकर हुई इस बैठक में बीईएमएल, आईआरसीटीसी, भेल, सीएएफ, मेधा ग्रुप, स्टरलाइट, भारत फोर्ज, जेकेबी इंफ्रास्ट्रक्चर और तीतागढ़ वैगन्स लिमिटेड भी शामिल हुईं।

भारतीय रेलवे ने 151 आधुनिक रेलगाड़ियों (रेक) के माध्यम से 109 मार्गों पर यात्री सेवा (पैसेंजर ट्रेन) के परिचालन में प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए अनुरोध आमंत्रित किए हैं। ये नई ट्रेनें नेटवर्क पर पहले से चल रही ट्रेनों के अतिरिक्त होंगी।रेलवे नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियां चलाने के लिए निजी निवेश की यह पहली पहल है। इस परियोजना से लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का निजी निवेश प्राप्त होने का अनुमान है।

प्राइवेट ट्रेन के परिचालन के लिए आए आवेदकों ने रेलवे के सामने अपने कई मुद्दे उठाए। मसलन, क्लस्टर्स में फ्लेक्सिबिलिटी, पात्रता मानदंड, बोली प्रक्रिया, ट्रेनों की खरीद, ट्रेनों का किराया, संचालन और रखरखाव सहित कई मुद्दे। हालांकि, रेल मंत्रालय ने इस बात पर जोर देते हुए जवाब दिया कि निजी खरीददारों को गाड़ियों की खरीद के मामले में पूरी आजादी दी जाएगी – या तो ट्रेनें खरीदी जा सकती हैं या लीज पर ली जा सकती हैं। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राइवेट ट्रेन संचालकों को अपने यात्रियों से वसूला जाने वाला किराया तय करने की स्वतंत्रता होगी।

प्राइवेट ट्रेनों के संचालन को लेकर सरकार का कहना है कि देश में प्राइवेट ट्रेनें मार्च 2023 से चलेंगी। इसके लिए टेंडर मार्च 2021 तक फाइनल कर लिए जाएंगे। ज्यादातर प्राइवेट ट्रेन मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनाई जाएंगी। बता दें कि इससे पहले 21 जुलाई 2020 को प्री-अप्लीकेशन कॉन्फ्रेंस हुई थी।

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निजी रेलगाड़ियों के लिए एक मसौदा विनिर्देश के अनुसार, इन प्राइवेट ट्रेनों में इलेक्ट्रॉनिक स्लाइडिंग दरवाजे, सुरक्षा कांच के साथ खिड़कियां, आपातकालीन टॉक-बैक तंत्र, यात्री निगरानी प्रणाली और सूचना एवं गंतव्य बोर्ड होने चाहिए। ये कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जो रेलवे ने निजी ऑपरेटरों से इन रेलगाड़ियों के लिए मांग की है।

इस मसौदे को रेलवे ने बुधवार को साझा किया। इसमें कहा गया है कि ये रेलगाड़ियां यात्रियों को शोर-मुक्त यात्रा प्रदान करेंगी और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम होंगी। इसमें कहा गया है, ‘ट्रेन को ऐसे डिजाइन किया जाएगा ताकि वे परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से सुरक्षित रूप से संचालित हो सकें।’

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