हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश (Rain) और बादल फटने से राष्ट्रीय राजमार्ग-तीन के मंडी-धरमपुर खंड समेत 245 सड़कें प्रभावित हुई हैं। इस मामले पर अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी। राष्ट्रीय राजमार्ग-तीन पंजाब के अटारी को लद्दाख के लेह से जोड़ता है। भारी बारिश के बाद हुई लैंडस्लाइड (Landslide) से सिर्फ मंडी जिले में 138 मार्ग बंद हैं। वहीं कई इलाकों में बारिश की वजह से ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 740 जलापूर्ति परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
मंडी में 30 जून और एक जुलाई की दरम्यानी रात में भारी बारिश (Rain) हुई। इस दौरान करीब 10 जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं। वहीं अब तक अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरा पहाड़ी क्षेत्र इन दिनों प्राकृतिक आपदा के संकट से जूझ रहा है। मंडी में 138 सड़के बंद हुए हैं, जबकि 124 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 137 जलापूर्ति परियोजनाएं प्रभावित हैं।
इन इलाकों में हुई भारी बारिश (Rain)
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के मुताबिक, बृस्पतिवार सुबह तक राज्य में कुल 192 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त थे और 740 जलापूर्ति परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। सिरमौर और बिलासपुर जिलों के कुछ इलाकों में भी भारी बारिश हुई। स्थानीय मौसम विभाग के मुताबिक, राज्य में सबसे अधिक 168.5 मिलीमीटर बारिश धौलाकुआं में दर्ज की गई। वहीं बिलासपुर में 120.4 मिलीमीटर बारिश हुई है।
राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला जारी है। जारी आंकडो़ं के अनुसार, मनाली में 46 मिलीमीटर, नगरोटा सूरियां में 42.4 मिलीमीटर, पांवटा साहिब में 38.4 मिलीमीटर, सुजानपुर टिहरा में 37.5 मिलीमीटर, जबकि जटोन बैराज और नाहन में करीब 35 मिलीमीटर बारिश हुई है। वहीं गुलेर में 32.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
कुछ इलाकों में येलो अलर्ट जारी
मौसम विभाग के स्थानीय केंद्र ने रविवार से लेकर बुधवार तक राज्य के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी घोषित किया है। इसमें चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के नाम शामिल हैं, इन जिलों के कुछ स्थानों पर कम से मध्यम स्तर की बाढ़ का खतरा होने की चेतावनी दी।
सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक हुई बारिश (Rain)
हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है और इस दौरान भारी बारिश के साथ-साथ बाढ़ की 31 घटनाएं, बादल फटने की 22 घटनाएं और 17 भूस्खलन हुए जिनमें कई लोगों की जान चली गई और इमारतों, कृषि भूमि और जंगलों को भारी नुकसान पहुंचा। इसके कारण राज्य को अब तक लगभग 740 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि कुल 85 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 54 की मौत बारिश से संबंधित घटनाओं में हुई है, जबकि 31 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई। उन्होंने कहा कि 129 लोग घायल हुए हैं, जबकि 34 लोग अब भी मिसिंग हैं।