केलिफोर्निया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) फिलहाल अमेरिका में है। राहुल ने गुरुवार को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वह शायद भारत के पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें मानहानि के मामले में सबसे ज्यादा सजा मिली है।
उन्होंने (Rahul Gandhi) कहा, 2004 में जब मैंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत तब कभी नहीं सोचा था कि देश में वो सब देखूंगा जो अभी हो रहा है। उनके मुताबिक उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि लोकसभा से उनकी सदस्यता रद्द होगी। उन्होंने लोकसभा रद्द होने के बारे में बात करते हुए कहा कि संसद में बैठने के मुकाबले अब मेरे पास बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा, ये पूरा ड्रामा 6 महीने पहले शुरू हुआ था।
इस मामले में गई सदस्यता
बता दें, साल 2019 में मोदी सरनेम को लेकर दिए गए एक बयान के चलते उन पर मानहानि का आरोप लगाया गया था। इसी मामले में लोकसभा से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। उनके जिस बयान पर ये पूरा बवाल मचा, उसमें उन्होंने कहा था कि मुझे समझ नहीं आता कि कैसे सभी चोरों के नामों के आगे मोदी सरनेम लिखा हुआ है। इसमें उन्होंने ललित मोदी और नीरव मोदी जैसे नामों का भी जिक्र किया था।
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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैंपस में भारतीय छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पूरा विपक्ष भारत में संघर्ष कर रहा है। संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया है। हम अपने देश में लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राहुल गांधी के मुताबिक जब उन्होंने देखा कि कोई संस्थान उनकी मदद नहीं कर रहा है तब उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा’ पर जाने का फैसला किया।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारतीय छात्रों से कहा कि वो इस बात को लेकर बहुत क्लियर हैं कि उनकी लड़ाई केवल उनकी है। लेकिन यहां भारतीय छात्रों का एक ग्रुप है। मैं इनके साथ बात करना चाहता था। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि पीएम मोदी ऐसा क्यों नहीं करते।