कुंडा। जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के अध्यक्ष और कुंडा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच विवाद इस समय सुर्खियों में है। माता-पिता के बीच छिड़े विवाद के बीच अब दोनों बेटों का बयान सामने आया है। बेटे शिवराज प्रताप सिंह और ब्रज प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अपनी बात सामने रखी है।
कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह “राजा भैया” (Raja Bhaiya) और उनकी पत्नी भानवी सिंह की लड़ाई में राजा भैया की ढाल अब उनके बेटे शिवराज सिंह और बृजराज सिंह बन गए हैं। राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह की जारी लड़ाई में अब तक एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” मोर्चा संभालते रहे। लेकिन, अब बेटे शिवराज और बृजराज इस लड़ाई में पिता की ढाल बनकर सामने आ गए हैं।
सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर राजा भैया के बचाव में बेटे ने लंबी-चौड़ी पोस्ट की है। हालांकि, अब तक दोनों बेटे इस विवाद में शांत रहे लेकिन भानवी सिंह की ओर से X पर राजा भैया की एक अनाम महिला के साथ तस्वीर, दोनों के बीच गोली चलने की घटना की ऑडियो क्लिप के साथ ही हथियारों के जखीरे की तस्वीरें पोस्ट की गई थी। साथ ही पीएमओ से भी शिकायत की गई थी, जिसके बाद अब बेटों का बयान सामने आया है। सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट करते हुए बेटे ने दावा किया कि इस मामले से अब तक दूर रहे। लेकिन अब सामने आना पड़ रहा है। बेटे शिवराज ने पोस्ट में कहा, मैं पहली बार सोशल मीडिया पर इस बारे में पोस्ट कर रहा हूं और चाहूंगा कि इसके बाद इस विषय पर कुछ न लिखना पड़े।
उन्होंने कहा, इस तरह बदनाम करने के लिए फ़र्जी पोस्ट करना कोई बहादुरी का काम नहीं है। हमारे माता-पिता( मम्मा और दाऊ) करीब 10 साल से अलग रह रहे हैं, उसके पहले कुछ साल परिवार के बड़ों के कहने पर हम बच्चों की खातिर दाऊ ने मम्मा के साथ एक छत के नीचे रहना स्वीकार किया था, लेकिन दोनों में संबंध सामान्य नहीं थे। बाद में मम्मा ने दाऊ को बिना बताए घर छोड़ दिया और दिल्ली के मकान में जाकर रहने लगीं।
जय सियाराम
मैं पहली बार सोशल मीडिया पर इस विषय में पोस्ट कर रहा हूं और चाहूंगा कि इसके बाद इस विषय पर कुछ न लिखना पड़े।इस प्रकार बदनाम करने के लिए फ़र्जी पोस्ट करना कोई बहादुरी का काम नहीं है।
हमारे माता पिता( मम्मा और दाऊ) गत करीब 10 वर्ष से अलग रह रहे हैं, उसके पहले कुछ…
— Shivraj Pratap Singh (@shivrajpsbhadri) September 20, 2025
बेटे ने कहा, हम सब बड़े हो गए तो दाऊ ने कोर्ट में तलाक की अर्जी डाली, तभी से संपत्ति और रुपयों की चाह में मम्मा ने सोशल मीडिया से लेकर मीडिया और संबंधियों में दाऊ की bad advertisement शुरु कर दी। बहुत दुखद है, लेकिन अधिक कहना सोशल मीडिया पर उचित नहीं। मैंने खुद दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी, जिससे दोनों अपनी-अपनी जिंदगी आराम से जी सकें, लेकिन मेरी और मेरे भाई की इस पहल को हमारी मम्मा ने ठुकरा दिया, हमारे बाबा, आजी और परिवार के बाकी वरिष्ठ जनों ने भी कई कोशिश की लेकिन हमारी मां ने किसी की बात नहीं सुनी।
बेटे ने मां को लेकर कहा, कोर्ट में उन्होंने कहीं 50 करोड़ रुपये तो कहीं उसके ऊपर से 100 करोड़ रुपये एक मुश्त मांगे हैं। साथ ही 25 लाख रूपये प्रति माह अलग। इनके इसी स्वभाव के चलते दाऊ ही नहीं, इनके अपने माता-पिता, सास-ससुर, चचेरे ममेरे भाई-बहन और यहां तक की हम दोनों भाई भी इनसे बात नहीं करते हैं। इनकी किसी से नहीं बनती है, लेकिन ये महिला कार्ड और विक्टिम कार्ड के जरिए लोगों को सोशल मीडिया पर भड़का रही हैं। बेटे ने आगे कहा, जितने साल ये यहां रहीं नौकरों को मारा पीटा। मुकद्दमे इन्होंने कई कर रखे हैं उसे मुकद्दमे की तरह लड़ना चाहिए सही गलत का फैसला न्यायालय करेगा न की सोशल मीडिया पर पोस्ट लाइक करने वाले पार्टी विशेष के लोग।
मम्मा सिर्फ दाऊ को बदनाम करना चाह रही हैं
बेटे ने कहा, दाऊ के बारे में पिछले दिनों बहुत कुछ कहा गया लेकिन ये बताना जरूरी है कि दाऊ ने हम सब का अच्छा भरण पोषण किया, अच्छी शिक्षा दी, धर्म संस्कार दिए और स्नेह दिया। हमारे दाऊ ने इस विषय पर सार्वजनिक तौर पर अब तक कुछ नहीं कहा है और शायद कहेंगे भी नहीं इसलिए मुझे लिखना पड़ रहा है, दुख इस बात का है कि हमारी मम्मा बदले की भावना में इतना बह गई हैं कि उन्हें अपने बच्चों का भविष्य खासकर बेटियों की शादी तक की चिंता नहीं है।
बेटे ने आगे कहा, इनका एजेंडा कुछ और है और वह बाद में लोगों को पता चल ही जाएगा। इस तरह की बेकार पोस्ट करने से एक भी केस में किसी प्रकार की मदद नहीं मिलेगी। पोस्ट करके हमारी मम्मा सिर्फ दाऊ को बदनाम करना चाह रही हैं जिससे एक जन प्रतिनिधि के तौर पर उनकी छवि को नुकसान पहुंचे। दाऊ का जीवन एक खुली किताब है, पूरा कुंडा उनका परिवार है।
बेटे ने कहा, रही बात संपत्ति की तो हमारी मां के पास दाऊ से अधिक अचल संपत्ति है, उन्हें कहीं कोई ठोकर खाने की जरूरत नहीं है, आराम का जीवन जी रही हैं, कोर्ट में महंगे से महंगा वकील खड़ा कर रही हैं। कई वर्ष दाऊ से कहीं अधिक इनकम टैक्स भी भरा है। उम्मीद करता हूं कि मेरी इस पोस्ट के बाद वो अपनी ऊर्जा अदालत में मुकद्दमा लड़ने में लगाए न की सोशल मीडिया पर।
क्या घर में न्यूक्लियर रिएक्टर लगा हुआ है…
तो वहीं बेटे बृजराज ने भी X पर सवाल खड़े किए कि क्या घर में न्यूक्लियर रिएक्टर लगा हुआ है- बृजराज की पोस्ट कुछ इस तरह से है जय सिया राम, मां हैं ये सोचकर अब तक चुप रहे लेकिन अब पानी सिर के ऊपर जा चुका है।
जिस समय हमारी आजी अस्पताल में हैं, उन्हें हार्ट अटैक आया है, पिछले 3 दिनों में 2 सर्जरी हो चुकी हैं और अभी भी अस्पताल में हैं, वही, समय हमारी मम्मा ने चुना परिवार की इज्जत को सड़क पर अच्छे से उछालने के लिए, सोचा दाऊ परेशान हैं उन्हें और धक्का दिया जाए।
यही सब सोचकर आज हमने आप लोगों के सामने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने का निर्णय लिया, दाऊ ने गरिमा का मान रखते हुए कभी सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। जब हमारी मम्मा को बड़ी बहनों की शादी कराने पर विचार करना चाहिए तब वे बदले की भावना से दाऊ पर प्रहार पर प्रहार कर रही हैं, हम लोगों ने लाख समझाया पर दाऊ और उनके साथियों यहां तक की कर्मचारियों, नौकरों पर भी अनगिनत केस करवाये, जब कोर्ट से कुछ हाथ नहीं लगा तो सालों तक धमकी देने के बाद दाऊ के खिलाफ पुलिस में भी झूठी शिकायत की।
हम दोनों भाई अगले टार्गेट होंगे
अब सोशल मीडिया पर ये तमाशा कर रही हैं, शायद हम दोनों भाई अगले टार्गेट होंगे। आपके राजनैतिक ट्रोल सेना से हमें डर नहीं है लिखवा लीजिये जो चाहें, हम अपने पिता और सत्य के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे।
सोचने की बात है कि जब दाऊ इतने बुरे हैं तो तलाक क्यों नहीं दे रही हैं? इसे छोटी मोटी घर की लड़ाई या 50 करोड़ रुपये, 100 करोड़ रुपये भर का खेल न समझें ये निश्चित ही राजनीतिक षड्यंत्र है। इनको कोई शिकायत न होती अगर इनकी मांग के अनुसार 100 करोड़ रुपये एक मुश्त और 25 लाख रुपये प्रति माह मिलता रहता।
आज गोपाल काका को भी इसलिए विलेन बनाया जा रहा है क्योंकि वो दाऊ की लड़ाई लड़ रहे हैं, उनका अपना कोई निजी स्वार्थ नहीं है। हद तो तब हो गई जब इन्होंने कहा कि हमारे घर में WMD (Weapons of Mass destruction) हैं, घर में क्या न्यूक्लियर रिएक्टर लगा है?