नई दिल्ली। राजस्थान में विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू हो रहा है। इससे पहले राज्य में राजनीतिक हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। शुक्रवार शाम को कांग्रेस आलाकमान का संदेश लेकर महासचिव केसी वेणुगोपाल, अजय माकन फिर जैसलमेर पहुंच रहे हैं।
बता दें कि कांग्रेस के अशोक गहलोत कैंप के सभी विधायक अब जैसलमेर के होटल में रुके हुए हैं। अब शाम को चार बजे यहां पर फिर सभी विधायकों के साथ बैठक की जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जयपुर से जैसलमेर पहुंचेंगे, जिन्होंने विधायकों को एकजुट रखने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
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उधर, मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा भी एक्टिव हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे की चर्चा हुई, जिसमें राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर बात हुई। वसुंधरा राजे एक लंबे वक्त तक इस सियासी घमासान पर चुप्पी साधे हुई थीं, जिस पर काफी अटकलें लगाई जाने लगी थीं।
उधर, अशोक गहलोत की ओर से कोशिश की जा रही है कि विधानसभा सत्र तक विधायकों को एकजुट रखा जाए और वक्त आने पर बहुमत साबित कर दिया जाए। ऐसी चर्चा है कि गहलोत कैंप 17 अगस्त तक बहुमत साबित कर सकता है।
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इस बीच, सचिन पायलट के समर्थक विधायकों ने सरकार पर जैसलमेर रिजॉर्ट में रुके विधायकों के फोन टैप होने का आरोप लगाया है। बता दें कि सचिन पायलट गुट दावा कर चुका है कि वो विधानसभा सत्र में शामिल होने जयपुर आएंगे। कांग्रेस की ये बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 11 अगस्त को राजस्थान हाईकोर्ट बसपा विधायकों के विलय मामले में अपना फैसला सुनाएगा। बसपा के 6 विधायकों ने कांग्रेस में विलय किया था, जिसे खुद बसपा ने गलत करार दिया है।