पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में दो दशकों से अधिक समय से उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। तमिलनाडु सरकार ने श्रीहरन की बीमार मां की याचिका पर एक महीने की पैरोल देने का फैसला किया है।
प्रदेश सरकार ने गुरुवार को मद्रास उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी है। तमिलनाडु सरकार ने पिछले साल फरवरी में मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि राज्य ने राज्यपाल को राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी।
नलिनी के अलावा मामले में 6 लोग दोषी ठहराए गए थे। दोषी लोगों में उनके पति मुरुगन, सुथिनथिरा राजा उर्फ संथान, एजी पेरारीवलन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन शामिल हैं। दोषियों में से चार- श्रीहरन, संथान, रॉबर्ट पायस और जयकुमार श्रीलंका के नागरिक हैं।
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नलिनी और एक अन्य दोषी को वेल्लोर में महिलाओं के स्पेशल सेल में रखा गया है। जेल में नलिनी ने एक बार खुदकुशी की भी कोशिश की थी, लेकिन उसकी साथी ने उसे यह करते हुए देख लिया था। उसने जेलर से इस बारे में शिकायत की थी। टाडा अदालत ने 21 मई, 1991 को राजीव गांधी की हत्या में नलिनी और अन्य लोगों की भूमिका के लिए दोषी मानते हुए सभी को मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में इसे आजीवन कारावास बना में बदल दिया गया।