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राजनाथ सिंह ने शुभांशु शुक्ला सहित गगनयात्रियों को किया सम्मानित, कहा- आप सभी है रत्न

Rajnath Singh honored the astronauts including Shubhanshu Shukla

Rajnath Singh honored the astronauts including Shubhanshu Shukla

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भारतीय वायु सेना अंतरिक्ष सम्मेलन में भाग लिया। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सहित गगनयात्रियों को सम्मानित किया और उन्हें रत्न बताया। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह भी मौजूद रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गगनयात्रियों ने प्रशिक्षण के दौरान जो स्वभाव दिखाया उससे सभी देशवासियों को आप सभी पर गर्व है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, ‘प्रशिक्षण के दौरान आप सभी ने जो स्वभाव दिखाया, वह न केवल अपने आप में प्रभावशाली था, बल्कि मैं कहूंगा कि उत्कृष्ट था… मुझे भारत माता के सपूत, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके अन्य सहयोगियों, ग्रुप कैप्टन पी वी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप का स्वागत और अभिनंदन करते हुए वास्तव में गर्व महसूस हो रहा है। सभी देशवासियों को आप सभी पर गर्व है। और उन्हें गर्व इसलिए है क्योंकि आप सभी ने देशवासियों को गौरवान्वित किया है।”

भारतीय वायु सेना अंतरिक्ष सम्मेलन में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, “मैं विज्ञान का छात्र रहा हूँ और इसलिए अंतरिक्ष के बारे में जिज्ञासा बनी रहती है… मैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को सफल AXIOM मिशन के लिए बधाई देता हूं।”

उन्होंने कहा, “आज का भारत पृथ्वी की सतह से ऊपर की दुनिया में निरंतर आगे बढ़ रहा है। हमारा योगदान सिर्फ़ उपग्रह प्रक्षेपण तक ही सीमित नहीं है; भारत की उपस्थिति चंद्रमा से लेकर मंगल तक फैली हुई है, और हम गगनयान मिशन के लिए तैयार हैं। यह सिर्फ़ तकनीक में उत्कृष्टता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की शक्ति है जो हमें दुनिया की प्रमुख अंतरिक्ष शक्तियों में गौरवान्वित करती है। यह हमारी आकांक्षाओं का प्रतीक है। चंद्रयान के साथ, हमने साबित कर दिया कि अगर हममें समर्पण और इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं है। हम अंतरिक्ष को भविष्य की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, मानवता और प्रगति के रूप में देखते हैं।”

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, “हमें अंतरिक्ष क्षेत्र का नेतृत्व करना होगा। मुझे बताया गया है कि जिस साल राकेश शर्मा भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरिक्ष में गए थे, उसी साल 40 साल पहले शुभांशु शुक्ला का जन्म हुआ था। 40 साल बाद, न सिर्फ़ शुभांशु का सपना पूरा हुआ है, बल्कि भारत भी अंतरिक्ष में पहुँच गया है। शुभांशु मेरे संसदीय क्षेत्र लखनऊ से हैं; वे हमारे मतदाता हैं।”

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा, “मुझे बताया गया है कि एक अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षण में दो-ढाई साल लगते हैं, लेकिन अपनी लगन से शुभांशु शुक्ला ने यह काम सिर्फ़ ढाई महीने में कर दिखाया। यह उपलब्धि न सिर्फ़ उनकी व्यक्तिगत क्षमता को दर्शाती है, बल्कि कड़ी मेहनत की भारतीय मानसिकता का भी प्रतीक है। रक्षा मंत्री के तौर पर, जब भी मैं किसी रक्षा संस्थान में जाता हूँ, तो नागरिक-रक्षा संलयन पर चर्चा करता हूँ… शुभांशु शुक्ला इसी नागरिक-रक्षा संलयन के प्रतीक हैं। जब वे अंतरिक्ष में गए, तो वे सिर्फ़ एक वायु सेना अधिकारी नहीं, बल्कि मानवता के प्रतिनिधि थे। वे एक किसान परिवार से हैं, और किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि कोई अंतरिक्ष में रहते हुए मूंग और मेथी के बीज बोएगा, लेकिन उन्होंने किया।”

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