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राज्यसभा में राजनाथ की दहाड़, बोले- हमारी सेना ने चीनी फौज को दिया मुंहतोड़ जवाब

राज्यसभा में राजनाथ की दहाड़ Rajnath's roar in the Rajya Sabha

राज्यसभा में राजनाथ की दहाड़

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में गुरुवार को चौथे दिन भारत-चीन सीमा पर जारी विवाद को लेकर ऊपरी सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बड़ा बयान दिया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एलएसी के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद अभी अनसुलझा है। चीन दोनों देशों के बीच हुए समझौतों की अनदेखी कर रहा है। वह एलएसी को नहीं मानता है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि 15 जून को, कर्नल संतोष बाबू ने अपने 19 बहादुर सैनिकों के साथ भारत की प्रादेशिक अखंडता का बचाव करने के उद्देश्य से गलवां घाटी में सर्वोच्च बलिदान दिया। हमारे पीएम खुद सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए लद्दाख गए। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर पर चीन का अवैध कब्जा जारी है।

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इसके अलावा, 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान ‘सीमा समझौते’ के तहत, पाकिस्तान ने अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में पीओके से चीन तक एक लाख 80 हजार वर्ग किमी को सीज किया। चीन अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पूर्वी क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र के लगभग 90,000 वर्ग किलोमीटर पर भी अपना दावा करता है।

इन घटनाओं के दौरान हमारे सशस्त्र बलों के आचरण से पता चलता है कि उन्होंने उत्तेजक गतिविधियों के सामने ‘सयंम’ को बनाए रखा और भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यक रूप से ‘शौर्य’ का भी प्रदर्शन किया।

रा​जनाथ सिंह ने कहा कि चीन द्वारा की गई कार्रवाई हमारे विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों की अवहेलना है। चीन द्वारा सैनिकों को इकट्ठा करना 1993 और 1996 में हुए समझौतों के खिलाफ है। वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान और कड़ाई से निरीक्षण करना सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता का आधार है।

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हमारे सशस्त्र बलों ने इसका स्पष्ट रूप से पालन किया है, वहीं चीनी पक्ष द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है। चीन ने पिछले कई दशकों में सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी तैनाती क्षमताओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा निर्माण गतिविधियां की।

हमारी सरकार ने भी सीमावर्ती अवसंरचना विकास के बजट को पिछले स्तरों से लगभग दोगुना कर दिया है। इस वर्ष की स्थिति सैनिकों के पैमाने और घर्षण बिंदुओं की संख्या के मामले में बहुत भिन्न है। हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। ठीक इसी समय हम सभी तरह की स्थिति से निपटने के लिए भी तैयार हैं। वर्तमान स्थिति में, संवेदनशील परिचालन मुद्दे हैं जिनके बारे में मैं विस्तार से नहीं बता सकता। मुझे उम्मीद है कि सदन मामले की संवेदनशीलता को समझेगा।

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बता दें कि बीते मंगलवार को दिए बयान में राजनाथ ने कहा था कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की यथास्थिति में बदलाव करना चाहता है। उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिक हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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