लखनऊ। यूपी राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मास्टरस्ट्रोक से बसपा को बड़ा झटका लग सकता है। अखिलेश के इस फैसले के बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की राहें अब अपनी पुराने इतिहास पर लौटती दिख रही हैं।
बसपा के राज्यसभा प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस ले लिया है। इसके बाद पांचों बागी विधायक के साथ एक और विधायक सुषमा पटेल ने अखिलेश यादव से मिलने सपा कार्यालय पहुंची हैं। सभी की बंद कमरे में अखिलेश यादव से मुलाक़ात हुई है। कहा जा रहा है कि बसपा के पांचों विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। फिलहाल टूट के कगार पर पहुंची बसपा की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कहा जा रहा है कि बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम अपना नाम वापस ले सकते हैं।
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सपा से टिकट चाहते हैं बागी विधायक
बागी विधायक असलम चौधरी, असलम राइनी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद और गोविंद जाटव ने मंगलवार को भी अखिलेश यादव से मुलाक़ात की थी। बसपा विधायक असलम चौधरी की पत्नी ने कल ही समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी। इस घटनाक्रम को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का पहला मास्टर स्ट्रोक भी कहा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सभी पांचों बागी विधायक समाजवादी पार्टी से टिकट चाहते हैं। यह भी सूचना आ रही है कि एक दो और विधायक सपा में शामिल हो सकते हैं।
एमएलसी उदयवीर सिंह ने जब मंगलवार को इन पांचों विधायक की मुलाक़ात अखिलेश यादव से करवाई थी, तभी इस नाटकीय घटनाक्रम की पटकथा लिख दी गई। सपा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर आखिरी वक्त में प्रकाश बजाज का नामांकन करवा दिया। इसके बाद एक सीट के लिए मतदान तय माना जा रहा था, लेकिन आज जैसे ही बसपा के पांच विधायकों ने प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस लिया तो सारा खेल ही बिगड़ गया। अब राज्यसभा चुनाव में प्रकाश बजाज की जीत तय मानी जा रही है।
बता दें कि रामजी गौतम ने राज्यसभा के उम्मीदवार के रूप में 26 अक्तूबर को नामांकन किया था तब उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा व कई अन्य नेता मौजूद थे।
भिनगा के बसपा विधायक मो. असलम राईन ने फोन पर बताया कि चार विधायकों ने लिखकर दिया है कि राम जी गौतम के प्रस्तावक के रूप में उन लोगों ने दस्तखत नहीं किया। उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाए गए हैं। राईन ने कहा कि कूटरचित हस्ताक्षर के लिए वह विधिक कार्रवाई करेंगे। फर्जी हस्ताक्षर की शिकायत करने वाले विधायकों में मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद व असलम चौधरी हैं।